PATNA :कोरोना संक्रमण के रोकथाम पर बिहार सरकार भले ही लाख दावे कर ले कि सबकुछ ठीक है। बिहार में कोरोना की लड़ाई विधिवत जारी है। लेकिन कुछ ऐसे मामले सामने आते है तो व्यवस्था पर सवाल खड़ा होना लाजिमी है। कुछ ऐसा ही एक मामला सामने आया बिहार मे कोरोना का हॉटस्पटॉ बने सीवान से जहां एक पति-पत्नी को कोरोना का शक हुआ तो उन्हें डीएम से आर्डर लेकर आने को कहा गय़ा। पति-पत्नी कई बार लौट आए। अब परेशान दंपति ने सोशल मीडिया के जरिए पीएमओ और सीएमओ से जांच की गुहार लगायी है जिसके बाद बिहार का स्वास्थ्य विभाग एक्शन में आया है।
बिहार के सीवान जिला के पचरुखी प्रखंड की सुरवला पंचायत के नरहट गांव के रहने वाले इस दंपति ने सीएमओ बिहार तथा पीएमओ इंडिया के ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर कोरोना जांच कराने का अनुरोध किया है। ट्वीटर अकाउंट से पीएम, सीएम और स्वास्थ विभाग को ट्वीट कर पति ने बताया कि वह पत्नी के साथ पांच मार्च को को मुंबई से अपने गांव आया है। इस दौरान दोनों को सर्दी-जुकाम और बदन दर्द की शिकायत हुई तो वे सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे। जहां से मिली दवा और सीरप के बाद उनकी बीमारी ठीक हो गयी । लेकिन 15 दिनों के बाद फिर पत्नी को वहीं सिंटम नजर आए। सर्दी-जुकाम और बदन दर्द के साथ बुखार भी हो गया। पहले गांव में दिखाया और फिर सदर अस्पताल भी गया लेकिन बीमारी ठीक नहीं हुई।
इसके बाद पति-पत्नी के मन में कोरोना का डर सताने लगा । उन्होनें सदर अस्पताल में कोराना जांच के लिए लिख कर दिया तो उन्हें डीएवी पब्लिक स्कूल सेंटर पर भेज दिया गया जहां डॉक्टर ने बिना डीएम के आदेश के कोरोना टेस्ट से इंकार कर दिया। इसके बाद युवक ने ट्वीटर अकाउंट के जरिए पीएमओ, सीएमओ और बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी ।
मामला सामने आने के बाद अब स्वास्थ्य महकमा एक्शन में आ गया है। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सीवान के डीएम को मामले की जांच कर तत्काल कार्रवाई का निर्देश जारी किया है। लेकिन अब सवाल उठने लगे हैं कि कोरोना हॉटस्पॉट सीवान में जांच में इस तरह की लापरवाही सामने आयी तो फिर बिहार के अन्य जिलों में क्या हालात होगें जहां फिलहाल कोरोना का खौफ नहीं दिख रहा।