DESK: पत्नी को पीटने वाले पति को बीवी और बच्चों के साथ एक महीने तक ससुराल में रहने की अनूठी सजा हाईकोर्ट ने सुनाई है। दोनों पति-पत्नी का रिश्ता बेहतर बने उनका घर ना टूटे इसे लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने महिला के माता-पिता को भी ससुराल में दामाद का ख्याल रखने का निर्देश दिया। वही हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि दामाद जी का अच्छे से ख्याल रखेंगे उनकी खातिरदारी में किसी तरह की कमी नहीं आने देंगे।
पत्नी से अक्सर मारपीट करने वाले आरोपी से हाईकोर्ट ने कहा कि पहले एक महीने तक बीवी और बच्चे के साथ ससुराल में रहो उसके बाद ही मामले पर सुनवाई करेंगे। कोर्ट के इस अनूठी सजा से महिला के माता-पिता काफी खुश हैं और कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में हुई इस मामले की सुनवाई के दौरान महिला के साथ-साथ उनके माता-पिता और पति भी मौजूद थे। पीड़िता ने ससुराल वालों पर मारपीट करने और जबरन घर से निकालने का आरोप लगाया। साथ ही उसके दो साल के मासूम बेटे को पास रख लिए जाने की भी बात कही। पीड़िता की बातें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी अपने दो साल के बेटे को साथ लेकर ससुराल जाए और वही जाकर एक महीने तक रहे।
दरअसल सेवा नगर निवासी गीता रजक ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। गीता का आरोप था कि ससुरालवालों ने उसे जबरन घर से निकाल दिया और उसके दो साल के बेटे को अपने पास रख लिया। जबकि मुरैना के रहने वाले उसके पति गणेश रजक का कहना था कि उसकी पत्नी अपनी इच्छा से घर छोड़कर गयी है। उसने बच्चे को जबरन रखने का जो आरोप लगाया है वह भी निराधार है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान गणेश ने कहा कि वह अपनी पत्नी गीता रजक को साथ रखने को तैयार है।
वही सुनवाई के दौरान गीता रजक ने फिर से मारपीट किए जाने की आशंका जतायी थी। जिस पर हाईकोर्ट ने महिला के पति गणेश को एक महीन के लिए अपने बच्चे के साथ ससुराल में रहने का निर्देश दिया। साथ ही गणेश रजक के सास-ससुर को उसकी अच्छी तरह खातिरदारी करने का आदेश भी दिया। वही हाईकोर्ट के आदेश का गणेश के सास-ससुर ने भी स्वागत किया है। उनका कहना था कि वे दामाद जी का अच्छे से ख्याल रखेंगे उनकी खातिरदारी में किसी तरह की कमी नहीं आने देंगे। हम भी चाहते हैं कि हमारी बेटी और दामाद खुशी पूर्वक रहे दोनों के संबंधों में किसी तरह की कड़वाहट नहीं आए। हर मां-बाप भी यही सोचता है कि उनकी बेटी और दामाद हमेशा खुश रहें।