DESK : यह एक बेहद आम बात है कि शादी के उपरांत पति और पत्नी के बिच हल्की नौक - झोक होती रहती है। लेकिन, जब यही शिकायत हद से अधिक बढ़ जाती है तो फिर जी का जंजाल भी हो जाता है। अब ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां एक पति नेअपनी पत्नी द्वारा हर रोज कही जाने वाली कड़वी जुबान से तंज आकर उससे तलाक ले लिया।
दरअसल, पंजाब के तरनतारन निवासी याचिकाकर्ता पति ने कोर्ट में यह विनती किया कि उसकी शादी 2009 में हुई, लेकिन बच्चा नहीं हुआ। जिसके बाद पत्नी ने तंज कसना शुरू कर दिया। जिसके बाद हर रोज इसको लेकर पत्नी से बहसबाजी होने लगा और पत्नी द्वारा यह कहे जाने लगा कि वह अलग होकर रहना चाहती है। उसे अपने सास-ससुर और ससुराल में रहने में कोई दिलचस्पी नहीं थी।
इसके साथ ही पति का कहना है कि वह वैवाहिक कर्तव्यों का पालन नहीं करती और छोटी- छोटी बातों पर झगड़ा करती थी उसके माता-पिता का अपमान करती थी। पत्नी की भाषा बहुत अभद्र है, वह हर बात पर अपशब्दों का प्रयोग करती है। 13 अक्टूबर, 2013 को वह सारा सामान और गहने लेकर मायके चली गई। पंचायत व गणमान्य लोगों के कहने पर भी वापस नहीं आई। जिसके बाद पत्नी ने पुरे परिवार पर दहेज लेने के मामले में झूठा आरोप लगा दिया। जिसके बाद पति ने परेशान होकर कोर्ट में तलाक की अर्जी लगा दी। लेकिन एक अक्टूबर, 2016 फैमिली कोर्ट ने मांग को खारिज कर दिया।
इसके बाद अब जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस निधि गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि एक बार जब आपराधिक मुकदमा शुरू हो जाता है तो समझौते की उम्मीद नहीं की जा सकती। पत्नी ने पति और उसके परिवार को परेशान और अपमानित करने के लिए झूठा मामला दायर कराया है, जिससे दोनों पक्षों के बीच न खत्म होने वाली कड़वाहट पैदा हो गई है। इस वजह से इस मामले में तलाक की अर्जी को कबूल कर लिया गया है। वहीं, कोर्ट ने देखा कि पत्नी ने पति व उसके परिवार को आपराधिक मामले में झूठा फंसाया था, जिसमें निचली अदालत ने सभी को बरी कर दिया।