PATNA : बिहार में सुशासन की यातना कराह रही है। क्राइम कंट्रोल है सुबह सवेरे राजधानी में पूर्व वार्ड पार्षद की हत्या हो जाती है और बिहार पुलिस अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त रहती है। जी हां, बिहार में खाकी का हाल कुछ ऐसा ही है। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही अपनी पुलिस की कार्यशैली कई बार सवाल खड़े कर चुके हों लेकिन हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।
पटना के पत्रकार नगर थाना इलाके के चित्रगुप्तनगर में सुबह-सवेरे पूर्व वार्ड पार्षद की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद पूर्व वार्ड पार्षद के परिवार में कोहराम मच गया लेकिन पटना पुलिस के ज्यादातर बड़े और छोटे अधिकारी हेडक्वार्टर में आयोजित सम्मान समारोह में व्यस्त रहे।
पुलिस मुख्यालय में जलसा बड़ा था। खाकी को इनाम देने के लिए पूरे तामझाम के साथ तैयारी की गई थी। एसएसपी से लेकर सिपाही तक के स्तर के 300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया गया। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे और गृह सचिव आमिर सुबहानी ने पुलिसकर्मियों को सम्मान देते हुए जमकर पीठ थपथपाई लेकिन सम्मान के चकाचौंध में बिहार के अंदर बिगड़ती कानून व्यवस्था को सबने नजरअंदाज कर दिया।
पटना से राहुल सिंह की रिपोर्ट