कोरोना से जंग जीत चुकी पिंकी को इंसानों ने तबाह किया, देख कर दूर भाग रहे लोग, दुकान में नहीं मिल रहा सामान

कोरोना से जंग जीत चुकी पिंकी को इंसानों ने तबाह किया, देख कर दूर भाग रहे लोग, दुकान में नहीं मिल रहा सामान

PATNA : पटना में कोरोना वायरस से जंग जीतने वाली बहादुर महिला को इंसान तबाह करने पर तुले हैं. कोरोना से मुक्त होने के बाद उसे अस्पताल से घर भेज दिया गया है लेकिन अब हाल ये है कि पड़ोस के लोग उसे देखते ही भाग खड़े हो रहे हैं. दुकानदारों ने दुकान पर आने से मना कर दिया है. खतरनाक कोरोना वायरस को परास्त करने वाले पिंकी इंसानों से मात खा रही है.

पटना के नर्स की कहानी

ये कहानी है पटना के शऱणम हॉस्पीटल की नर्स पिंकी का. बिहार के पहले कोरोना संक्रमित मरीज का ब्लड प्रेशर मापने गयी पिंकी को इस खतरनाक वायरस ने शिकार बना दिया था. कोरोना पॉजिटीव आने के बाद उसे अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया था. अस्पताल में लगातार दो निगेटिव रिजल्ट आने के बाद उसे घर जाने दे दिया गया. लेकिन घर आकर पिंकी ज्यादा तबाह हो गयी है. 


फूट फूट कर रो पड़ी पिंकी

पिंकी पटना के मानपुर बैरिया में रहती है. मीडिया ने जब उससे फोन पर संपर्क साधा तो वह फफक फफक कर रोने लगी. पिंकी बोली “अब तो घर चलाना मुश्किल हो गया है. पापा पहले ही गुजर चुके हैं. घर का खर्च चलाने के लिए मैं ही काम करती थी. लेकिन अब तो हर इंसान मुझसे दूर भागने लगा है. अब मेरा घर कैसे चलेगा.”

दरअसल कोरोना से लड़ाई जीत करर घर पहुंची पिंकी और उसके घरवालों की ओर पड़ोसी और मोहल्ले वाले देखने तक को तैयार नहीं हैं. यही नहीं अब दुकानों पर सामान तक नहीं दिया जा रहा है. दुकानदारों ने दुकान पर आने से साफ मना कर दिया है. हार कर एक रिश्तेदार को फोन कर मदद मांगी. रिश्तेदार सामान लेकर आता तो है लेकिन वह भी थैला दरवाजा पर रखकर 

कोरोना से ठीक होने वाले दूसरों का भी यही हाल

ये दर्द सिर्फ पिंकी का नहीं है. बिहार में कोरोना का शिकार बना पहला मरीज मो. सैफ शऱणम अस्पताल में भर्ती हुआ था. उससे अस्पताल की नर्स पिंकी समेत दो और लोग कोरोना पॉजिटिव हो गये. वे सभी बाद में ठीक हो गये. लेकिन ठीक होने के बाद भी शरणम अस्पताल के कर्मियों और उनके परिजनों को उसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. 

शरणम अस्पताल के वार्ड बॉय सूरज और गौतम को कोरोना प़ॉजिटिव पाया गया था. पूरे इलाके ने उनके परिवार का बहिष्कार सा कर दिया है. खेमनीचक के जिस मोहल्ले में यह दोनों रहते थे, उस इलाके को पुलिस ने पहले सील कर दिया था. अब वहां से पुलिस का बैरियर लगभग हट गया है. बैरियर का कुछ हिस्सा अभी भी मौजूद है. मोहल्ले के लोग धड़ल्ले से आ-जा रहे हैं लेकिन सूरज और गौतम के परिजनों का बहिष्कार कर दिया है. 


अस्तपाल के कई कर्मचारी अभी भी क्वारंटाइन में

कोरोना पीडित मरीज के संपर्क में आने के कारण शरणम अस्पताल के कुछ और कर्मचारियों को प्रशासन ने आइसोलेशन में रहने को कहा है. अस्पताल के संचालक संजीत राय के मुताबिक उनके घर में कुछ कर्मचारी रह रहे हैं. प्रशासन ने उन्हें 9 अपैल तक क्वारंटाइन में रहने को कहा है. लिहाजा वे एकांतवास में हैं.