PATNA : बिहार में अभी कोरोना की रफ़्तार थोड़ी धीमी पड़ी थी कि ब्लैक फंगस के कहर से एक बार फिर सूबे के लोग दहशत में आ गए हैं. हर दिन नए मरीजों के मिलने की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. इतना ही नहीं इससे होने वाली मौत की संख्या भी धीरे धीरे बढ़ती जा रही है. वहीं, कोरोना से ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) से संक्रमित बेतिया राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पैथोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. उदय शंकर पांडेय की रूबन मेमोरियल अस्पताल में मौत हो गई.
बताया जा रहा है कि कोरोना से ठीक होने के बाद उन्हें ब्लैक फंगस हो गया था. दाहिनी आंख निकाल देने के बाद शरीर के कई अंगों के काम करना बंद कर देने के कारण उनकी माैत हाे गई. रूबन मेमोरियल के निदेशक डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह ने बताया कि पांच दिन पहले डॉ. पांडेय भर्ती हुए थे. उनकी सर्जरी भी हुई थी.
डॉक्टरों के अनुसार, जब वे घर में थे, तभी ब्लैक फंगस से संक्रमित हो गए थे. उन्हें सेप्टीसीमिया भी हो गया था. देर से इलाज के लिए भर्ती हुए थे. पटना के अस्पताल में ब्लैक फंगस से संक्रमित किसी चिकित्सक की यह पहली मौत है. हालांकि इसके पहले भी ब्लैक फंगस से दो लोगों की मौत हो चुकी है. सोमवार को 11 और मरीज मिले हैं. इनमें पटना एम्स में पांच और आईजीआईएमएस में छह मरीज मरीज भर्ती हुए.
ब्लैक फंगस के लक्षण
- चेहरे के एक हिस्से में सूजन और आंखाें का बंद हाेना.
- नाक बंद हाेना, नाक के नजदीक सूजन.
- मसूड़ाें में सूजन, पस पड़ना, दांताें का ढीला हाेना.
- तालू की हड्डी का काला हाे जाना, आंखें लाल हाेना, राेशनी कम हाेना.
ब्लैक फंगस से बचाव के उपाय
- कोरोना संक्रमित डॉक्टरों के परामर्श बना रहे.
- कुशल चिकित्सक के परामर्श के बिना खुद से स्टेरॉयड नहीं लें.
- नियमित शुगर स्तर की जांच कराते रहें.
- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले विशेष सावधानी बरतें.
- डेक्सोना जैसी दवाओं के हाई डोज का इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह पर करें.
- AC कल्चर से तत्काल दूर हो जाएं.
- नमी और डस्ट वाली जगहों पर नहीं जाएं.
- ऑक्सीजन पर होने से पाइप बदलते रहें.
- मास्क के साथ पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने.