PATNA : बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को विशेष विमान से पटना लाया गया है। पटना एयरपोर्ट पर बीजेपी नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। यहां से उनके पार्थिव शरीर को उनके राजेन्द्र नगर स्थित आवास पर ले जाया जाएगा। जहां अंतिम दर्शन के बाद पटना के गंगा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि होगी।
पटना एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि देने के बाद उनका पार्थिव शरीर बिहार विधानसभा, विधान परिषद और उसके बाद बीजेपी प्रदेश कार्यालय ले जाया जाएगा। जहां दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को राजेन्द्र नगर स्थित उनके निजी आवास पर भी रखा जाएगा। पटना एयरपोर्ट पर बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद थे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
बता दें कि सुशील मोदी पिछले कुछ महीनों से गले के दर्द से परेशान थे। उन्होंने दिल्ली एम्स में जब जांच कराई तो पता चला कि उन्हें गले का कैंसर है। इसके बाद उन्होंने खुद सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी थी। सुशील मोदी द्वारा इसकी जानकारी देने के करीब डढ़े महीने बाद ही उनका निधन हो गया। दिल्ली एम्स में सोमवार की रात इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
सुशील मोदी के निधन से बीजेपी के साथ-साथ बिहार के सियासी गलियारे में शोक की लहर है। बिहार बीजेपी ने अपने सभी कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। सुशील मोदी के अंतिम संस्कार में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल होंगे। उनके साथ बीजेपी और एनडीए के कई बड़े नेता उनकी अंत्येष्टि में शामिल हो सकते हैं।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के निधन से पूरे बिहार में शोक की लहर है। उनके निधन के बाद बीजेपी ने आज के सारे कार्यक्रम को रद्द कर दिये हैं। पूर्वी चंपारण बीजेपी कार्यालय में भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमे बीजेपी के तमाम नेता मौजूद रहे। पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह ने सुशील मोदी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। दिवंगत सुशील मोदी के करीबी रहे राधामोहन सिंह ने इसे व्यक्तिगत क्षति करार देते हुए कहा कि सुशील मोदी ने बिहार में उपमुख्यमंत्री रहते हुए बेहतर काम किया है। वह एक कुशल संगठनकर्ता और अच्छे वक्ता थे। राज्यसभा में रहते वह आर्थिक पहलुओं पर हमेशा चर्चा करते थे, जो उनकी जिज्ञासा को दर्शाता था।