PATNA : पटना के सड़कों पर भीड़ बढ़ती जा रही है। सड़कों को देख क ऐसा लग रहा है जैसे पटना में लॉकडाउन की मियाद पूरी हो गयी है। लोगों को घर से निकलने की छूट मिल गयी है। केन्द्र सरकार के जारी गाइलाइन के आधार पर पटना में गाड़ियों को धड़ाधड़ पास रीलिज तो कर दिए गये हैं लेकिन पटना के खाजपुरा में कोरोना पॉजिटिव मरीज के मिलने के बाद ग्रीन जोन की श्रेणी से पटना बाहर हो चुका है। ऐसे में ये लापरवाही कही पटना पर भारी तो नहीं पड़ जाएगी।
पटना की सड़क पर जब फर्स्ट बिहार संवाददाता अश्मित निकले तो उन्हें अहसास हुआ कि सड़क पर गाड़ियां धड़ल्ले से दौड़ रही है। पटना के हड़ताली चौक पर तो गाड़ियों की रफ्तार देख कर ये अहसास हो रहा था कि पटना में लॉकडाउन-0.2 पूरा हो चुका है। सैकड़ों की संख्या में गाड़ियां सड़क पर उतर गयी हैं।सरकारी कार्यालयों के खुल जाने पर पटना के बेली रोड पर मौजूद तमाम सरकारी दफ्तरों में लोगों की हाजिरी लगनी शुरू हुई तो इसका पूरा असर सड़क पर देखने को मिला। सरकारी कर्मी तो सड़क पर निकल ही रहे हैं साथ ही साथ पास दिखा कर सड़क पर मूवमेंट करने वालों की कमी नहीं है। दरअसल सरकार ने जरूरी सेवा से जुड़े लोगों को अपना आईकार्ड दिखा कर सड़क पर निकलने की अनुमति दी थी। इसी आड़ में लोग सड़कों पर निकल रहे हैं।
पटना में सड़क पर ये भीड़ खतरे की घंटी तो नहीं। संवाददाता अश्मित ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पटना के खाजपुरा और उससे पहले पटना सिटी इलाके में कोरोना पॉजिटिव मरीज के पाए जाने के बाद पटना में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा है। खास कर खाजपुरा इलाका जहां से होकर पटना के बेली रोड स्थित तमाम सरकारी कार्यालयों का रास्ता जाता है। वहां सील करने के बजाए गाड़ियां दौड़ रही है। ऐसे में अगर पटना में कोरोना का खतरा बढ़ता है तो कौन जिम्मेवार होगा। इसकी जवाबदेही सरकार को तय करनी होगी