मांझी का बड़ा आरोप, पशुपति पारस नहीं थे NDA के सच्चे सिपाही

मांझी का बड़ा आरोप, पशुपति पारस नहीं थे NDA के सच्चे सिपाही

PATNA: एनडीए में सीट शेयरिंग से नाराज होकर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पशुपति पारस ने कहा कि हमारे साथ व्यक्तिगत तौर पर नाइंसाफी हुई है अन्याय हुआ है। पशुपति पारस के इस बयान पर एनडीए के घटक दल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान दिया है। 


मांझी ने कहा कि पशुपति पारस दो तरह की बात बोलते हैं। पहले तो बोल रहे थे कि वो एनडीए के सिपाही हैं। यदि वो एनडीए के सिपाही हैं तो जो आदेश होता उसका पालन करते लेकिन वो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिये। इसका मतलब यह हुआ कि वो एनडीए के सच्चे सिपाही नहीं थे।


बता दें कि एनडीए में सीटों का बंटवारा कल 18 मार्च को हो गया। बिहार की 40 लोकसभा सीटों के बंटवारे में 17 सीटें बीजेपी,16 सीटें जेडीयू, 5 सीट चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास को दी गईं। इसके अलावे जीतनराम मांझी की और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एक-एक सीट दी गई। जबकि पशुपति पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को एक भी सीट नसीब नहीं हुआ। इसी बात से नाराज होकर पशुपति पारस ने आज दिल्ली में मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।