पस्त हो चुके पारस का प्यार जागा : कभी चिराग के लिए गेट नहीं खोला था : आज कह रहे हैं कि मुझे दुख है कि मेरा भतीजा मेरे घर नहीं आता

पस्त हो चुके पारस का प्यार जागा : कभी चिराग के लिए गेट नहीं खोला था : आज कह रहे हैं कि मुझे दुख है कि मेरा भतीजा मेरे घर नहीं आता

PATNA : करीब तीन साल पहले की बात है, जब पशुपति पारस ने लोजपा को तोड़ दिया था। 13 जून, 2021 की रात में लोजपा टूटी थी और 14 जून को चिराग पासवान अपने चाचा के घर पहुंच गये थे। चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के घर के बाहर घंटों खड़े रहे लेकिन अंदर से कोई गेट खोलने को भी तैयार नहीं था। जैसे-तैसे गेट खुला तो चिराग अंदर गये लेकिन वहां चाचा, चाची और चचेरे भाई ने बात करने तक से इनकार कर दिया था। तीन साल बाद आज पशुपति कुमार पारस का प्यार जाग गया है। आज मीडिया के सामने उन्होंने कहा- भतीजा रोज मेरे घर के सामने से गुजरता है लेकिन घर में नहीं आता है। मुझे इसका बहुत दुख है। उन्हें मेरे घर आना चाहिये।


पारस ने कसम खायी- मैंने लोजपा को वोट दिया

दरअसल, इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पारस को आउट कर दिया है। पांच सांसदों के साथ पार्टी तोड़ने वाले पारस को बीजेपी ने एक भी सीट नहीं दी है। राजद, कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियों के दरवाजे पर दस्तक दी लेकिन वहां कोई भाव नहीं मिला। ऐसे में पारस फिर से बीजेपी के साथ लौट आये हैं। आज पारस ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर कसम खायी है कि वे एनडीए के साथ खड़े हैं। पारस ने कहा कि उऩका घर खगड़िया में है औऱ वे वहीं के वोटर हैं। पारस ने कहा कि खगड़िया में जब वोटिंग हुई तो मैंने वहां जाकर लोजपा (रामविलास) के उम्मीदवार राजेश वर्मा को वोट दिया। मेरे बारे में झूठी अफवाहें फैलायी जा रही है कि मैं लोजपा (रामविलास) के उम्मीदवारों को विरोध कर रहा हूं। मैं तो पूरी तरह से एनडीए के साथ हूं।


चिराग मुझे बुलाते क्यों नहीं हैं

पशुपति पारस ने कहा कि वे हाजीपुर में जाकर चिराग पासवान के लिए वोट मांगने और उनके लिए चुनाव प्रचार करने को तैयार हैं। यदि चिराग पासवान प्रचार के लिए बुलाते हैं तो वह हाजीपुर जरूर जाएंगे और उनके लिए जनता से वोट मांगेंगे। बता दें कि पशुपति कुमार पारस हाजीपुर से निवर्तमान सांसद हैं। पशुपति पारस ने आज कहा कि पहले जो कुछ हुआ वह उसे भुलाकर भतीजा की सहायता के लिए तैयार हैं। लेकिन वह ऐसा तब करेंगे जब उन्हें चिराग पासवान बुलाएंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उऩ्हें दुख है कि चिराग पासवान ने नामांकन के दौरान मुझे नहीं बुलाया। वे बुलाते तो मैं जरूर जाता। पारस ने कहा कि चिराग पासवान मेरे घर के आगे से हर दिन आते-जाते हैं लेकिन कभी घर नहीं आते हैं। वह मुझसे छोटे हैं और मैं रिश्ते में बड़ा हूं। पहले उन्हें पहल करनी चाहिए।


एनडीए के साथ हैं 

पशुपति कुमार पासर ने कहा कि भाजपा और एनडीए में शामिल दूसरी पार्टियों के नेताओं से उनकी लगातार बात हो रही है। उनसे यह चर्चा भी हो रही है कि बिहार की सभी सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों की जीत कैसे मिलेगा। पारस ने कहा कि वह इसके लिए काम भी कर रहे हैं। उनकी पार्टी रालोजपा के सारे लोग एनडीए की जीत के लिए काम कर रहे हैं।