DESK : क्या कोई आदमी जिसके पास अपनी गाड़ी नहीं हो, वह वीआईपी नंबर पाने के लिए 6 लाख रूपये की बोली लगा सकता है? लेकिन इस शख्स ने पूरे 6 लाख एक हजार रूपये खर्च कर वीआईपी नंबर खरीद भी लिया है. सुनने में भले ही ये हैरान करने वाली बात लगे लेकिन मामला सच है.
लखनऊ में वीआईपी नंबर के शौकीन ने लगायी बोली
उत्तर प्रदेश में ये वाकया हुआ है. लखनऊ में एक शख्स ने ये कारनामा किया है. उसके पास अब तक कोई गाड़ी नहीं है. लेकिन उसने 6 लाख एक हजार रूपये खर्च कर यूपी 32 एमए 0001 नंबर हासिल कर लिया है. उसने ये नंबर हासिल करने के लिए इतनी बड़ी बोली लगाई कि पिछले सारे रिकार्ड टूट गये. उत्तर प्रदेश में किसी ने अब तक इतने पैसे खर्च कर वीआईपी नंबर नहीं खरीदा था.
दरअसल उत्तर प्रदेश की सरकार ने ये तय कर रखा है कि गाड़ियों के वीआईपी नंबर के लिए लोगों से बोली लगवायी जाये. सरकार एक न्यूनतम पैसा तय कर देती है, उसके बाद उस नंबर के खरीदार बोली लगाते हैं. जो सबसे ज्यादा पैसे की बोली लगाता है नंबर उसी का हो जाता है.
आखिरी समय में लगायी बोली
लखनऊ के आऱटीओ ऑफिस ने वीआईपी नंबर के लिए 27 मार्च से बोली शुरू की थी. 2 अप्रैल की शाम तक बोली लगाने की आखिरी सीमा रखी गयी थी. आरटीओ ऑफिस ने UP32MA-0001 नंबर का न्यूनतम मूल्य 1 लाख रूपये तय कर रखा था. इस नंबर को हासिल करने के लिए लोग बोली लगा रहे थे. शुक्रवार की शाम जब बोली लगाने का समय खत्म हो रहा था तो किसी ने 6 लाख रूपये की बोली लगा थी. लेकिन आखिरी वक्त में प्रवीण नाम के आदमी ने 6 लाख एक हजार रूपये की बोली लगायी औऱ इस नंबर को अपने पाले में कर लिया.
आरटीओ ऑफिस के मुताबिक वीआईपी नंबर के लिए बोली लगाने के लिए दो अप्रैल की शाम 6 बजे तक का समय तय किया गया था. प्रवीण नाम के एक शख्स ने 6 बजने से ठीक एक मिनट पहले अपनी बोली लगायी. उसने 6 लाख एक हजार रूपये की बोली लगायी औऱ उसके बाद समय ही खत्म हो गया. लिहाजा किसी दूसरे को इससे ज्यादा की बोली लगाने का मौका ही नहीं मिला.
30 दिनों में गाड़ी खरीदनी होगी
दिलचस्प बात ये है कि 6 लाख एक हजार रूपये में वीआईपी नंबर खरीदने वाले प्रवीण के पास कोई अपनी गाड़ी नहीं है. सरकारी नियमों के मुताबिक वीआईपी नंबर लेने वाले व्यक्ति को 30 दिनों के अंदर गाड़ी खरीदनी होगी. अगर उसने गाडी नहीं खरीदी तो उसका पैसा जब्त कर लिया जायेगा.