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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 29 Mar 2024 09:23:47 AM IST
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PATNA : देश के अंदर पहले कुछ महीनों से परिवारवाद का मुद्दा काफी गर्म है। जब राजद सुप्रीमों लालू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवार पर सवाल उठाया तो जमकर पूरे देश में जमकर बहस छिड़ी। लालू यादव के जवाब में बीजेपी ने पूरे देश में 'मोदी का परिवार' कैम्पेन चलाया। लेकिन, अब चुनाव के तारीखों का एलान होने के बाद कैंडिडेट के जो नाम सामने आये हैं। उसमें भी परिवारवाद की कुछ झलक देखने को मिल रही है। हालंकि, पक्ष और विपक्ष दोनों एक दुसरे पर इसको लेकर सवाल तो उठा रही है लेकिन जब उनसे खुद के बारे में सवाल होता है तो फिर उनका जवाब जातीय समीकरण पर आकर थम जाता है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और आरजेडी ने प्रत्याशी के नामों की घोषणा कर दी है। ऐसे में बिहार की राजनीति के 5 बड़े राजनीतिक परिवार के नये सदस्य 2024 के चुनाव में नजर आएंगे। वैसे इसमें से दो पहले से ही राजनीति में एंट्री कर चुके हैं। लेकिन, ये सभी लोग लोकसभा चुनाव में पहली दफे अपना भाग्यआजमाएंगे।
सबसे पहले हम बात करते हैं लालू प्रसाद की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य की तो ये इस बार सारण सीट से राजद की उम्मीदवार होंगी। यह पहली बार सक्रीय राजनीति में एंट्री करेंगी वो भी सीधा लोकसभा चुनाव के मैदान में। इसके बाद नंबर आता है चिराग पासवान के जीजा अरुण भारती का यह भी पहली बार चुनाव मैदान में होंगे और सीधा लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, ये चिराग के साथ राजनीतिक सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं। लेकिन, खुलकर चुनाव मैदान में पहली दफे आ रहे हैं।
वहीं, तीसरा नाम नवादा से सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर का है। वैसे तो ये राजनीति में पहले से एक्टिव हैं, लेकिन अभी वो राज्यसभा के सांसद है। अब उन्हें लोकसभा का टिकट मिला है और पहली बार सीधा जनता के बीच जाकर अपने पक्ष में वोट अपील करते नजर आएंगे। इससे पहले वो चुनाव प्रचार करते तो थे लेकिन खुद के लिए नहीं। अब चौथे कैंडिडेट की बात करें तो ये सासाराम (सु) से पूर्व मंत्री मुनिलाल के पुत्र शिवेश राम है। इन्हें भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा पांचवे नंबर पर हैं बक्सर सीट से आरजेडी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह। इन्हें राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है। सुधाकर सिंह भी लोकसभा के लिए पहली दफे चुनाव मैदान में होंगे।
ऐसे में अब सवाल यह उठना शुरू हो गया है कि बीजेपी जो लगातार परिवारवाद के मुद्दे पर विपक्षी दलों पर सवाल उठाती रहती है। वो भी चुनाव आते ही कई जगहों पर अपने पुराने नेताओं के परिजन को टिकट देने से पीछे नहीं हटती है। 2024 के चुनाव में विवेक ठाकुर और शिवेश राम को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ ही लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस बार जमुई सुरक्षित सीट से चिराग पासवान ने अपने बहनोई अरुण भारती को प्रत्याशी बनाया है।
उधर, आरजेडी पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है। लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी में सभी बड़े पदों पर उनके परिवार के लोग ही दिखाई देते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव, बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव विधायक हैं। विधान परिषद में विधायक दल की नेता लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी हैं। बड़ी पुत्री मीसा भारती राज्यसभा की सदस्य हैं और इस बार लालू प्रसाद की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य सारण से चुनाव लड़ेंगी। वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह बक्सर से चुनाव लड़ेंगे।
बहरहाल, इन तमाम चीज़ों पर नजर जमाने के बाद यह कहा जा सकता है कि परिवारवाद से कोई राजनीतिक दल अछूता नहीं रहा है। चुनाव के समय अपने नेता के परिवार के लोगों को टिकट देने से पीछे नहीं रहती है। लालू यादव पर परिवारवाद का आरोप लगता रहा है। चेहरे भले नये हों लेकिन पार्टी उनके परिवार के पुरानी पृष्ठभूमि को देख कर ही देती है। 2024 में जिन 5 नये लोगों को टिकट दिया गया है, सबका राजनीतिक पृष्ठभूमि बड़ा है। जिसका राजनीतिक लाभ उनको मिल सकेगा।