पप्पू को फेल किया, कन्हैया को किनारे लगाया: जानिये लालू ने किन शर्तों पर कांग्रेस से किया गठबंधन, झारखंड में कर ली बड़ी डील

पप्पू को फेल किया, कन्हैया को किनारे लगाया: जानिये लालू ने किन शर्तों पर कांग्रेस से किया गठबंधन, झारखंड में कर ली बड़ी डील

PATNA: बिहार में INDIA गठबंधन में आखिरकार सीटों का बंटवारा हो गया है. राजद ने कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग फाइनल कर ली है. पहले चरण के लिए नामांकन  के आखिरी दिन दोनों पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा हुआ. महागठबंधन सूत्रों से जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक राजद 26, कांग्रेस 9, भाकपा माले 3, सीपीआई और सीपीएम एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेगी. खास बात ये है कि लालू ने बिहार में कांग्रेस के लिए 9 सीट छोड़ने के बदले झारखंड में बड़ी डील कर ली है.


कन्हैया को किनारे लगाया, पप्पू को फेल किया

लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग तो कर ली लेकिन तालमेल बड़ा दिलचस्प है. लालू-तेजस्वी ने कांग्रस को ज्यादातर छांटी हुई सीटें दी हैं. कई सीट ऐसी है, जहां कांग्रेस को उम्मीदवार तलाशने में पसीने छूट जायेंगे. पहले जानिये कांग्रेस के हिस्से कौन-कौन सी सीट आयी है. राजद ने कांग्रेस के लिए पटना साहिब, मुजफ्फरपुर, सासाराम, भागलपुर, समस्तीपुर, कटिहार, पश्चिम चंपारण, सुपौल और किशनगंज सीट दी है. इसमें किशनगंज सीट पर कांग्रेस का पहले से ही कब्जा है. 


लेकिन सीट शेयरिंग में सबसे दिलचस्प है कांग्रेस के दो चर्चित चेहरों का हश्र. राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले कन्हैया कुमार को लालू प्रसाद यादव ने सबसे पहले साफ किया. कन्हैया कुमार के लिए कांग्रेस बेगूसराय सीट मांग रही थी. लालू यादव ने कांग्रेस से बातचीत फाइनल होने से पहले ही वह सीट सीपीआई को दे दिया. सीपीआई ने वहां से अवधेश राय को अपना उम्मीदवार बना कर मैदान में उतार दिया. लिहाजा कन्हैया कुमार के लिए कोई ऑप्शन ही नहीं बचा.


पप्पू यादव के लिए दुनिया छोड़ने की नौबत

सबसे बुरा हाल कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करने वाले पप्पू यादव का हुआ. पप्पू यादव ने बार-बार ये एलान किया कि वे दुनिया छोड़ देंगे लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे. राजद ने पप्पू यादव के लिए पूर्णिया सीट छोड़ने से साफ इंकार कर दिया. लालू-तेजस्वी ने कांग्रेस से डील फाइनल होने से पहले ही जेडीयू की विधायक बीमा भारती को वहां से रिजाइन करवा कर अपनी पार्टी का सिंबल दे दिया. राजद से बातचीत में कांग्रेस की एक नहीं चली और पप्पू यादव के लिए पूर्णिया क्या मधेपुरा सीट भी नहीं छोड़ी गयी.


वैसे राजद ने कांग्रेस के लिए सुपौल सीट छोड़ी है. सुपौल वह सीट है जहां से पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन एक दफे सांसद रह चुकी हैं. लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि लालू यादव ने कांग्रेस को साफ कह दिया है कि वह इस सीट से अति पिछड़ा वर्ग का उम्मीदवार खड़ा करे क्योंकि बगल की मधेपुरा सीट से राजद की ओर से यादव जाति का उम्मीदवार होगा. वैसे भी अगर पप्पू यादव सुपौल से लड़ने जाते हैं तो उनकी जबरदस्त भद्द पिटेगी. वे पहले ही कह चुके हैं कि दुनिया छोड़ देंगे लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे. 


कांग्रेस के लिए उम्मीदवार तलाशना मुश्किल

राजद ने कांग्रेस के लिए ऐसी सीट छोड़ी है, जहां उम्मीदवार तलाशना मुश्किल होगा. सासाराम सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी गयी है, वहां से मीरा कुमार चुनाव लड़ती थीं. लेकिन मीरा कुमार इस दफे चुनाव लड़ने से इंकार कर चुकी हैं. ऐसे में कांग्रेस के पास कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं है. यही हालत समस्तीपुर सीट की है. वहां से कांग्रेस के अशोक राम चुनाव लड़ते थे लेकिन वे लगातार चुनाव हारे. अब कांग्रेस समस्तीपुर से एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी को उम्मीदवार बनाने की तैयारी कर रही है.


राजद ने कांग्रेस के साथ कई और जगहों पर बुरा किया. पिछले लोकसभा चुनाव में वाल्मिकीनगर सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार प्रवेश कुमार मिश्रा सिर्फ 23 हजार वोट से चुनाव हारे थे. उन्हें किशनगंज से सांसद बने मो. जावेद से भी ज्यादा वोट मिले थे. लेकिन राजद ने इस दफे वाल्मिकीनगर सीट कांग्रेस के लिए नहीं छोड़ी. राजद ने पश्चिम चंपारण यानि बेतिया सीट कांग्रेस के लिए छोडी है. बेतिया में कांग्रेस के पास कोई उम्मीदवार ही नहीं है. 


कांग्रेस के पास पटना साहिब, सुपौल जैसे इलाकों में भी कोई उम्मीदवार नहीं है. पार्टी को या तो बाहर से उम्मीदवार का आय़ात करना होगा वर्ना अपनी पार्टी के किसी भूले-बिसरे नेता को टिकट देकर एनडीए की राह आसान करनी होगी. 


लालू ने की बड़ी डील

सबसे दिलचस्प बात ये भी है बिहार में कांग्रेस को छांटी हुई 9 सीट देने के बदले लालू-तेजस्वी ने झारखंड में बड़ी डील कर ली. जिस राज्य में राजद के पास सिर्फ एक विधायक है, वहां कांग्रेस को राजद के लिए दो लोकसभा सीट छोड़नी पड़ी है. राजद शुरू से ही पलामू और चतरा लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही थी, कांग्रेस ने दोनों सीट राजद को दे दी है. यानि जिस राज्य में राजद का कोई आधार नहीं है वहां कांग्रेस ने आरजेडी को दो लोकसभा सीट दी है. ये सिर्फ इसलिए क्योंकि बिहार में किसी तरह से इज्जत बचायी जा सके.