पप्पू फेल हो गये: राजद ने पप्पू यादव के लिए कोई भी सीट छोड़ने से साफ इनकार किया, कांग्रेस को लालू ने दिया खरा जवाब

पप्पू फेल हो गये: राजद ने पप्पू यादव के लिए कोई भी सीट छोड़ने से साफ इनकार किया, कांग्रेस को लालू ने दिया खरा जवाब

PATNA: तीन दिन पहले अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले पप्पू यादव का भविष्य अधर में लटक गया है. राजद ने पप्पू यादव को चुनाव लड़ाने के लिए कांग्रेस को सीट देने से साफ इंकार कर दिया है. कांग्रेस की ओर से सीट शेयरिंग की बात कर रहे नेताओं को राजद ने दो टूक जवाब दे दिया है. ऐसे में पप्पू यादव का सियासी भविष्य दांव पर लग गया है.


कोई सीट नहीं छोड़ेगी राजद

बता दें कि पप्पू यादव ने 20 मार्च को कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय कर दिया है. पप्पू यादव पिछले कई महीने से पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन राजद ने कांग्रेस को साफ कर दिया है कि किसी हाल में पूर्णिया सीट कांग्रेस को नहीं दिया जायेगा. राजद ने पूर्णिया सीट से अपना उम्मीदवार तय कर लिया है. अगले एक-दो दिनों में उसे पार्टी का सिंबल भी दे दिया जायेगा. 


राजद के एक वरीय नेता ने बताया कि मामला सिर्फ पूर्णिया सीट का ही नहीं है. पप्पू यादव मधेपुरा या सुपौल से भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं. मधेपुरा से वे सासंद रह चुके हैं वहीं सुपौल से पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन सांसद रह चुकी हैं. राजद ने कांग्रेस को ये भी कह दिया है कि वह मधेपुरा या सुपौल सीट भी छोड़ने नहीं जा रही है. इन दोनों सीट से भी राजद के उम्मीदवार ही चुनाव लड़ेंगे.


क्यों फंस गये पप्पू?

दरअसल 20 मार्च को कांग्रेस में शामिल होने से पहले 19 मार्च को पप्पू यादव ने लालू यादव औऱ तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी. राजद सूत्रों की मानें तो पप्पू यादव के काफी गुहार लगाने के बाद लालू-तेजस्वी उनसे मिलने को तैयार हुए थे. मुलाकात के दौरान लालू प्रसाद यादव इस बात पर राजी हो गये थे कि अगर पप्पू यादव राजद में शामिल हो जायें तो उन्हें मधेपुरा से उम्मीदवार बनाया जा सकता है. राजद के एक नेता ने बताया कि 19 मार्च को पप्पू यादव ने लालू यादव से कहा कि वे इस पर सोच विचार कर फैसला लेंगे लेकिन अगले ही दिन वे कांग्रेस में शामिल हो गये. इसके बाद राजद ने पप्पू के लिए कोई गुंजाइश नहीं छोड़ने का फैसला लिया.


कांग्रेस बेबस

पप्पू फंस गये हैं और कांग्रेस बिहार में पूरी तरह से बेबस हो गयी है. कांग्रेसी नेता अभी तक राजद से सीट शेयरिंग के लिए बात ही कर रहे हैं. जानकार सूत्रों के मुताबिक राजद किसी हाल में कांग्रेस को 6 सीट से ज्यादा देने को तैयार नहीं है. जबकि कांग्रेस कम से कम 9 सीट मांग रही है. इस बीच राजद ने वाम दलों से तालमेल कर लिया. उसने भाकपा माले को 3, सीपीआई और सीपीएम को एक-एक सीट दे दी है. इसके साथ ही राजद ने अपने उम्मीदवारों को सिंबल देना भी शुरू कर दिया. अब तक राजद के एक दर्जन से ज्यादा उम्मीदवारों को पार्टी का सिंबल दिया जा चुका है.


कांग्रेस की हालत ये है कि राजद ने उसके प्रमुख नेताओं के लिए भी सीट नहीं छोड़ी है. कांग्रेस कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय सीट मांग रही थी. राजद ने उस सीट को सीपीआई को दे दिया. सीपीआई वहां से अपना उम्मीदवार उतार दिया है. कांग्रेस के एक प्रमुख नेता निखिल कुमार औरंगाबाद से चुनाव लड़ना चाह रहे थे लेकिन राजद ने वहां से अपना उम्मीदवार उतार दिया है. कांग्रेस की बेबसी का आलम ये है कि वह कुछ बोल नहीं पा रही है. सोमवार को जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह से जब ये पूछा गया कि सीट शेयरिंग फाइनल हुए बगैर राजद अपने उम्मीदवारों को सिंबल दे रही है तो अखिलेश सिंह के पास कोई जवाव नहीं था. उन्होंने ये कह कर पल्ला झाड़ लिया कि कांग्रेस के पास इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं है.