1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 17 Mar 2024 07:23:02 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार में तीसरे चरण की शिक्षक बहाली के पेपर लीक मामले को लेकर बिहार में सियासी पारा गरम हो गया है। विपक्षी दल इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं हालांकि, सत्ताधारी दल बीजेपी विपक्ष के आरोपों को मुंहतोड़ जवाब दे रही है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बिहार सरकार मांग की है कि केंद्र की तरह बिहार में भी पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून लागू किया जाए।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछले साल 1 अक्टूबर को जब बिहार में 21 हजार 391 पदों पर सिपाही भर्ती के लिए 529 केंदों पर परीक्षा हुई, तब 100 से ज्यादा केंद्रों पर नकल-कदाचार की शिकायतें मिली थीं और 64 मामलों में 148 लोग गिरफ्तार हुए थे। क्या तेजस्वी यादव इसी को प्रतियोगिता परीक्षाओं का स्वर्ण काल बता रहे हैं? अक्टूबर 2023 में किसकी सरकार थी और नकल माफिया के पीछे कौन था?
उन्होंने कहा कि सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामला इतना गंभीर था कि उसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से करायी जा रही है। इसकी रिपोर्ट आने पर कई चेहरे सामने आएंगे। बीपीएससी की शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण में पेपर लीक होना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने से पहले राजद को अपना समय नहीं भूलना चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा कि केंद्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं में हर तरह के पेपर लीक पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने 10 साल तक की सजा और 1 करोड़ रुपये तक के अर्थ दंड लगाने का कड़ा कानून इस साल फरवरी से लागू किया है। बिहार में भी ऐसा कानून बनना चाहिए ताकि राज्य स्तर की परीक्षाओं को पेपर लीक मुक्त किया जा सके।