कोरोना संकट में हिन्दुओं को नहीं दिया जा रहा खाना, निकम्मे पाकिस्तानियों ने दिखाई अपनी औकात

कोरोना संकट में हिन्दुओं को नहीं दिया जा रहा खाना, निकम्मे पाकिस्तानियों ने दिखाई अपनी औकात

PATNA : कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच एक बार फिर से पाकिस्तानियों की गिरी हुई करतूत सामने आई है. पाकिस्तान में हिन्दुओं और ईसाईयों को भोजन नहीं देने के मामले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ लिया है. एक बार फिर से इंटरनेशन प्लेटफार्म पर पाकिस्तानियों की थू-थू हो रही है. इस तरीके की घटना सामने आने के बाद अमेरिका ने भी पाकिस्तान की तीखी आलोचना की है. पाकिस्तानियों को अपने देश के अप्ल्संख्यकों को खिलाने की भी औकात नहीं रह गई है.


कोरोना वायरस के संकट के बीच, पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई समुदायों को भोजन देने से इनकार किए जाने की खबरों को अमेरिकी सरकार के एक संगठन ने निंदनीय करार दिया है. इसके साथ ही संगठन ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि देश के सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों के बीच खाद्य सहायता समान रूप से साझा की जाये.


पाकिस्तान में कोरोना मरीजों की संख्या तकरीबन 6 हजार होने जा रहा है. पाकिस्तान में अब तक 5,837 मामले सामने आ चुके हैं. वहां मौत का आंकड़ा भी तकरीबन 100 के करीब पहुंच गया है. क्योंकि इस जानलेवा वायरस के कारण वहां 96 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसी स्थिति में भी पाकिस्तान की संवेदनहीनता एक बार फिर से देखने को मिली है.


अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) की आयुक्त अरूणिमा भार्गव ने कहा कि कोविड-19 का प्रकोप जारी रहने के बीच पाकिस्तान में संवेदनशील कमजोर समुदाय भूख से लड़ रहे हैं. ऐसे में अपने परिवारों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए उन्हें खाद्य सहायता से इनकार नहीं किया जाना चाहिए.


आयोग ने कहा कि पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई समुदायों को खाद्य सहायता नहीं दिए जाने की खबरों से वह "परेशान" है. भार्गव ने कहा, "ये हरकतें निंदनीय हैं।" कराची से ऐसी खबरें आई हैं कि बेघर और मौसमी कामगारों की सहायता के लिए स्थापित गैर-सरकारी संगठन सयलानी वेलफेयर इंटरनेशनल ट्रस्ट हिंदुओं और ईसाइयों को खाद्य सहायता देने से इनकार कर रहा है. उसकी दलील है कि यह सहायता केवल मुसलमानों के लिए है.