पहले भी मांगा जाता था जाति प्रमाण पत्र, अग्निवीर भर्ती पर उठे सवालों पर सेना ने दी सफाई

पहले भी मांगा जाता था जाति प्रमाण पत्र, अग्निवीर भर्ती पर उठे सवालों पर सेना ने दी सफाई

DESK : अग्निपथ योजना के तहत सेना भर्ती प्रक्रिया में जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पात्र मांगने पर बवाल मचा हुआ है. इसी बीच सेना ने बयान जारी करके इस मुद्दे पर अपनी सफाई दी है. सेना की ओर से कहा गया है कि ऐसा पहले भी सभी सेना भर्ती में होता था. अभ्यर्थियों को अपना जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र देना होता था. ऐसा सिर्फ अग्निपथ योजना को लेकर ही नहीं किया गया है.


दरअसल, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सेना भर्ती प्रक्रिया में जाति पूछे जाने पर सवाल उठाया था. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि “आजादी के बाद 75 वर्षों तक सेना में ठेके पर “अग्निपथ” व्यवस्था लागू नहीं थी। सेना में भर्ती होने के बाद 75% सैनिकों की छँटनी नहीं होती थी. लेकिन, संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति/धर्म देखकर 75% सैनिकों की छँटनी करेगी. सेना में जब आरक्षण ही नहीं है तो जाति प्रमाणपत्र की क्या जरूरत?”


वहीं, मंगलवार को अग्निपथ योजना को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया है कि सभी याचिकाओं की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में की जाए. इसके अलावा अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष भी लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है. विपक्ष की ओर से मानसून सत्र के दौरान संसद में अग्निपथ योजना को लेकर चर्चा की मांग की जा रही है.