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पहले आओ पहले पाओ : राज्य में आज से बदल गया जमीन रजिस्ट्री का नियम, जानें पूरी बात

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 01 Mar 2023 10:34:23 AM IST

पहले आओ पहले पाओ : राज्य में आज से बदल गया जमीन रजिस्ट्री का नियम, जानें पूरी बात

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PATNA : बिहार में आज से जमीन रजिस्ट्री का नियम बदल दिया गया है। ये बदला हुआ नियम राज्य के सभी  543 अंचलों में एक साथ लागू किया गया है। अब राज्य के अंदर दाखिल -खारिज के वादों के तेजी से निबटारे को लेकरफर्स्ट इन फर्स्ट आउट (फीफो) और ऑड इवन नियम के साथ नयी व्यवस्था लागू की गयी है।


दरअसल, राज्य के अंदर अंचल में म्यूटेशन के लिए जो पहले आएगा उसका काम पहले निपटाया जाएगा। अब म्यूटेशन में समय अधिक नहीं लगे, इसके लिए अंचलाधिकारी ऑड नंबर वाले हल्का और राजस्व पदाधिकारी इवन नंबर वाले हल्का के दाखिल- खारिज वादों को निबटायेंगे। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सॉफ्टवेयर को अपडेट कर नयी व्यवस्था को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर राज्य की पांच अंचलों में लागू किया है। 


जानकारी के मुताबिक, अब चल में म्यूटेशन के लिए आवेदन पहले की तरह सीओ के यहां दिये जायेंगे। उसके बाद सीओ इसे राजस्व कर्मचारी को जांच के लिए देंगे। फिर राजस्व कर्मी जांच कर अपने मंतव्य के साथ वाद को राजस्व पदाधिकारी के यहां अग्रसारित करेंगे। वाद यदि विषय संख्या (ऑड नंबर) वाले हल्का का है, तो राजस्व पदाधिकारी राजस्वकर्मी से प्राप्त जांच प्रतिवेदन पर अपना मंतव्य देकर वाद को सीओ के यहां निर्णय के लिए अग्रसारित करेंगे। सीओ के लॉगिन में वाद दिखने लगेगा. विषम संख्या वाले हल्का का वाद होने पर राजस्व कर्मचारी खुद को अग्रसारित करेंगे। सीओ के रूप में मिली शक्ति का उपयोग करते हुए उसका निस्तारण करेंगे। इस नयी व्यवस्था में राजस्व पदाधिकारी को अग्रसारित और निस्तारित दो लेयर की जिम्मेदारी निभानी होगी। 


मालूम हो कि, राज्य के अंदर हर महीने बीस फीसदी मामले लंबित रह जा रहे थे। उच्च स्तर पर समीक्षा में यह भी पाया गया कि अंचल के पदाधिकारी पहले प्राप्त हुए वाद का निस्तारण बाद में कर रहे थे। इस समस्या को दूर करने के लिये राजस्व पदाधिकारी को अंचलाधिकारी की शक्ति प्रदान की गयी हैं। साथ ही साफ्टवेयर अपडेट किया गया  है। 


आपको बताते चलें कि, पटना जिले के फतुआ, भागलपुर के सबौर, समस्तीपुर के कल्याणपुर , किशनगंज के ठाकुरगंज और सीवान जिले के सीवान सदर अंचल में पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद सभी अंचलों में इसे लागू कर दिया जायेगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सभी हल्का की संख्या पूर्व में निर्धारित कर चुका है कि दाखिल- खारिज के मामले लंबित न रहे। सीओ को दाखिल- खारिज के अतिरिक्त भी काम लिये जाते हैं, इस कारण सीओ का कार्यभार कम किया जाये।