DESK : भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में हालात तेजी के साथ बिगड़ रहे हैं. राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी है. इसके साथ ही राष्ट्रपति के पास सभी शक्तियां निहित हो गई हैं और आर्थिक संकट से जूझ रही श्रीलंका की जनता सड़क पर नजर आ रही है. सड़क पर आगजनी और हिंसा का दौर देखने को मिल रहा है.
श्रीलंका की सरकार ने ऐसे हिंसा पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बल को उतार रखा है. सड़क पर नजर आने वाली गाड़ियों को हिंसा कर रहे लोग निशाना बना रहे हैं. सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ की जा रही है और पूरे देश में भीषण बिजली संकट इस वक्त देखने को मिल रहा है. भारत के पड़ोसी देश में हालात इतने क्यों बिगड़ गए यह एक बड़ा सवाल है.
आपको बता दें कि श्रीलंका में राष्ट्रपति ने 1 अप्रैल को इमरजेंसी लागू किया था. श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से आदेश जारी करते हुए कहा गया था कि देश में कानून व्यवस्था कायम रखने, आवश्यक चीजों की सप्लाई जारी रखने के लिए यह जरूरी हो गया था कि इमरजेंसी को लागू किया जाए.
श्रीलंका भीषण बिजली संकट से जूझ रहा है. राजधानी कोलंबो में भी घंटों पावर कट की स्थिति बनी हुई है. श्रीलंका में महंगाई इस कदर आसमान छू रही है कि लोगों को समझ में नहीं आ रहा कैसे वह अपनी भूख मिटाये. हालात ऐसे हैं कि पेट्रोल-डीजल को छोड़िए वहां पर पैरासिटामोल जैसी जरूरी दवा 10 टेबलेट की पत्ती ₹500 में बिक रही है.
श्रीलंका के हालात को लेकर आर्थिक जानकारों की राय यह है कि देश ने इस संकट के बारे में पहले से कभी नहीं सोचा और जब हालात बिगड़ने लगे तो राष्ट्रपति दमनकारी नीति के साथ अब इमरजेंसी की तरफ आगे बढ़ गए हैं. श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में तकरीबन 50 से ज्यादा लोगों को हिंसा के दौरान गिरफ्तार किया गया. यह लोग राष्ट्रपति भवन के आसपास पहुंचना चाह रहे थे.