NALANDA : लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में बूथ स्तर को मजबूत करने के लिए बीजेपी लगातार मीटिंग कर रही है। इसी कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता आरसीपी सिंह ने चुनावी रणनीति को लेकर कार्यकर्ताओं क साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने वन नेशन - वन इलेक्शन की बातों को लेकर जेडीयू सहित महागठबंधन पर जमकर हमला। आरसीपी सिंह ने कहा कि- एक साथ होगा चुनाव तो विपक्ष का होगा सूपड़ा साफ़ होना तय है इसी वजह से उनके पेट में दर्द हो रहा है।
आरसीपी सिंह ने जेडीयू पार्टी पर जमकर हमला बोला। आरसीपी सिंह ने कहा कि - 1952, 1957 से लेकर 1962 तक का चुनाव सब एक साथ ही हुआ था। जब दोनों चुनाव एक साथ होता है, तब चुनावी खर्च कम होता है और प्रशासनिक मुश्किलें भी कम होती हैं। उन्होंने कहा देश में हर साल चुनाव होते रहते हैं, कभी इस प्रदेश में तो कभी दूसरे प्रदेश में। इसकी वजह से विकास कार्य प्रभावित होते हैं और बहुत ज्यादा संसाधनों को खर्च होता है।
उन्होंने कहा कि, केंद्र की जो सोच है लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की मैं उसके पक्ष में हूं और यह होना भी चाहिए। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि, अब इस बात को लेकर महागठबंधन के पेट में दर्द होना स्वाभाविक है। महागठबंधन को अच्छी तरह से मालूम है कि अगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होगा तो ये कहीं के नहीं रहेंगे उनका सूपड़ा साफ़ होना तय हो जाएगा।
इधर, जनता दल यूनाईटेड के पोल खोल कार्यक्रम पर चुटकी लेते हुए आरसीपी सिंह ने कहा, जिसकी पोल खुद जनता ने खोलकर रख दिया हो, वह बीजेपी के खिलाफ पोल खोल कार्यक्रम चला रहे हैं। इससे बड़ी हास्यास्पद बात हो ही नहीं सकती। आरसीपी सिंह ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि, 2020 के बिहार चुनाव में किसके साथ लड़े थे? ललन सिंह आज सांसद हैं, क्या उस समय बीजेपी के लोगों ने उनको वोट नहीं दिया था। क्या वे सिर्फ जेडीयू के वोट से जीते थे। उन्होंने दावा किया कि पोल तो जनता इनकी खोल रही है, जनता से बचने और अपनी गलतियों, कमजोरियों असफलता को छिपाने के लिए जेडीयू इस तरह का स्लोगन दे रही है।