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1st Bihar Published by: Mayank Kumar Updated Tue, 07 May 2024 11:29:09 AM IST
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PATNA : पटना के बिहटा में अमहरा स्थित नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएसएमसीएच) में बिहार के पहला बेरिएट्रिक एवं मेटाबोलिक सर्जरी डॉ. निरुपम सिन्हा एवं उनकी टीम के द्धारा पटना के आरके निवासी अरविन्द कुमार मिश्रा की पत्नी बेबी देवी (39) का सफल ऑपरेशन किया गया। इस मौके पर डॉ. निरुपम ने बताया कि सामान्य रूप से मरीज का बाडी मास इंडेक्स- बीएमआई 25 होना चाहिए, जबकि इस मरीज का 51 तक पहुंच गया था।
उन्होंने बताया कि मानक से ढाई गुना वजन की वजह से सर्जरी के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। एनेस्थेटिस्ट डॉ. रंजीत, डॉ. पुलक, डॉ. फैज एवं ओटी स्टाफ गिलजारी, रूपेश और मुकेश के साथ मिलकर एक घंटे में सर्जरी संपन्न की गई। उन्होंने कहा कि आज लोगों का एक बड़ा तबका अपने बढ़े हुए वजन से परेशान है। उनके लिए मोटापा सबसे बड़ी बीमारियों में से एक है।
डॉ. निरुपम ने कहा कि मोटापा मानव शरीर की अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण होता है। मोटापा एक अभिशाप है, जिसकी चपेट में 10-15 प्रतिशत आबादी आ चुकी है। लेकिन मोटापा एक सीमा से ज्यादा बढ़ने पर बेरियेट्रिक सर्जरी ही इलाज का एकमात्र विकल्प है। बेरिएट्रिक सर्जरी को वजन घटाने की सर्जरी भी कहा जाता है। सर्जिकल ऑपरेशन की यह एक श्रेणी है। उन्होंने बताया कि मोटापा से हार्ट, किडनी, कैंसर, ब्लडप्रेशर, शुगर, लिवर एवं स्ट्रोक समेत कई अन्य बीमारियों का खतरा कई गुना बना रहता है। ऐसे में वजन कम रखना सर्वाधिक जरूरी है।
उन्होंने बताया कि बेरिएट्रिक सर्जरी छोटे चीरे, तेजी से उपचार और पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में कम दर्द और काम घाव देने वाला है। इस मौके पर जेनरल सर्जरी एचओडी डॉ. सीएम नारायण, डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. प्रशांत, डॉ. आशुतोष ने बधाई देते हुए कहा कि अब बिहटा में समान रूप से मरीजों का इलाज कर मोटापे से निपटने के लिए डॉ. निरुपम मिल का पत्थर साबित होंगे। वही कॉलेज के मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्ण मुरारी सिंह ने कहा कि एनएसएमसीएच बेरिएट्रिक सर्जरी कराने वाले मरीज को पचास प्रतिशत की छूट दी जा रही है। जो मार्केट रेट से आधी है।