PATNA : लॉक डाउन की स्थिति में भी नियोजित शिक्षक लगातार हड़ताल पर बने हुए हैं. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने एक बार फिर से नीतीश सरकार के ऊपर बड़ा हमला बोला है. नियोजित शिक्षकों का कहना है कि सरकार संविधान की धारा-38 का उल्लंघन कर रही है.
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के समय नियोजित शिक्षकों के वेतन पर मंत्रिमंडल की चुप्पी खतरनाक है. सरकार का यह रवैया अंतरराष्ट्रीय मानव संगठन के प्रतिकूल और मानव विरोधी है. नियोजित शिक्षक और उन पर आश्रित 20 लाख से अधिक परिवार सरकार के रवैये से प्रभावित है.
नियोजित शिक्षकों ने कहा कि वे लोग लगातार लॉक डाउन में भी हड़ताल पर हैं. शिक्षकों के हड़ताल का यह 58वां दिन दिन है. बिहार सरकार के मंत्रिमंडल ने कल की बैठक में संविदाकर्मियों को बिना काम के भी 3 माह के अग्रिम वेतन भुगतान की संवेदना दिखलाई है. यह सरकार का स्वागतयोग्य कदम है. लेकिन राज्य के प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक तक के शिक्षकों एवं उनपर आश्रित लगभग 20 लाख परिवार के सदस्यों के प्रति पूरे मंत्रिमंडल की चुप्पी खतरनाक और मानव विरोधी है.
वेतन पर केवल कमाने वाले का ही हक नहीं होता, बल्कि उसके परिवार का भी हक कर्मियों से ज्यादा बनता है. यह अर्न्तराष्ट्रीय श्रम संगठन का भी मान्य सिद्धान्त है और भारत सरकार तथा भारतीय संविधान की धारा-38 भी हर पुरूष और स्त्री के लिए समान वेतन का निदेश देता है. बिहार सरकार इन निदेशों का उल्लंघन कर घोर अपराध कर रही है.
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ मुख्यमंत्री से आशा करता है कि अगले मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के लाखों-लाख छात्र-छात्रओं, शिक्षकों एवं बिहार के ही नागरिक जो कोरोना का संकट भी झेल रहे हैं, बिना वेतन काफी कठिनाई से अभी तक परिवार का संचालन कर रहे हैं उन्हें ऐसे मौके पर मदद करना प्रधानमंत्री के निदेश का भी अनुपालन करना होगा.