PATNA : बिहार में पंचायत चुनाव समय पर नहीं हो पाने की स्थिति में नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पंचायत राज कानून में संशोधन किया और अध्यादेश के जरिए नियमों में बदलाव का निर्णय लिया. बिहार सरकार का यह नया अध्यादेश अब कानूनी पचड़े में पड़ने वाला है. दरअसल सरकार के नए अध्यादेश के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने के लिए हाईकोर्ट ने ई फाइलिंग को मंजूरी दे दी है.
पंचायती राज अध्यादेश को चुनौती देने के लिए पटना हाईकोर्ट ने पीआईएल दायर करने की मंजूरी दे दी है. बिहार में 15 जून के बाद पंचायती राज संस्थानों की जगह सलाहकार समिति की व्यवस्था करने वाले सरकार केअध्यादेश को कानूनी चुनौती देने और राज्य में पंचायत चुनाव नहीं होने के खिलाफ पीआईएल दायर करने के लिए भी उच्च न्यायालय ने मंजूरी दी है.
हाईकोर्ट की एडवोकेट प्रियंका सिंह की जनहित याचिका को अर्जेंट मानते हुए उच्च न्यायालय ने उसकी ई-फाइलिंग के लिए अनुमति दे दिया है. याचिकाकर्ता ने गयहार लगाया था कि 15 जून के बाद से पंचायती प्रतिनिधियों के पद खत्म हो जाने से बिहार के गांव नौकरशाही के चंगुल में चले जायेंगे. इसलिए मामले को अर्जेंट मानकर पीआईएल दायर करने की अनुमति दी जाए.