नीतीश कुमार ने सोमवार को क्यों बुलाई कैबिनेट की बैठक, समझिए पूरी रणनीति

नीतीश कुमार ने सोमवार को क्यों बुलाई कैबिनेट की बैठक, समझिए पूरी रणनीति

PATNA : बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है। यह कैबिनेट बैठक दोपहर 3.30बजे मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद केंद्र में बुलाया गया है। इसको लेकर कैबिनेट के तमाम विभाग के मंत्री और आला अधिकारियों को सूचना दे दी गई। वहीं, इस कैबिनेट के बैठक को लेकर जो सवाल लगातार उठ रहे हैं वो ये हैं कि अचानक नीतीश कुमार ने सोमवार को क्यों कैबिनेट की बैठक बुलाई है। तो आइए हम तीन बिंदु के जरिए समझने की कोशिश करते हैं की आखिर इस बैठक का मुख्य एजेंडा क्या हो सकता है?


दरअसल, बिहार के सीएम नीतीश कुमार अमूमन मंगलवार को अपनी कैबिनेट की बैठक करते हैं और प्रदेश वासियों को कोई न कोई नया उपहार देते हैं। ऐसे में वर्तमान में त्यौहार का मौसम चल रहा तो ऐसा माना जा सकता है नीतीश कुमार यह बातें ध्यान में रखकर कुछ बड़ा ख्याल कर रहे हैं। ऐसे में आज  वो शिक्षक, युवा, प्रदेश की आम नागरिक को लेकर कुछ नया दे सकते हैं। ऐसे  कैबिनेट बैठक  सोमवार को बुलाने के पीछे तीन बिंदु है वो है। जातीय गणना की रिपोर्ट, राज्यकर्मी का दर्जा, तेजस्वी का कल पटना में नहीं होना है।


सबसे पहले पहले बिंदु की बात करें तो राज्य में जातीय गणना का काम पूरा हो चुका है। वहीं, देश में महिला आरक्षण बिल भी पेश कर दिया गया है।ऐसे में नीतीश कुमार यदि जातीय गणना का रिपोर्ट पेश करते हैं तो यह आसानी हो जायेगी की बिहार में कितनी महिला है और उन्हें कैसे इस आरक्षण का फायदा होगा।इसके साथ ही आरक्षण के अंदर आरक्षण की जो मांग हो रही है उसकी मांग करने और अधिक मजबूती मिलेगी और राज्य सरकार केंद्र पर अच्छे तरीके से हमलावर हो सकती है।


वहीं, हम दूसरे पॉइंट की बात करें तो नीतीश कुमार से राज्य के नियोजित शिक्षकों की नराजगी चल रही है। नियोजित शिक्षक खुद को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर सड़क पर उतर चुके हैं। ऐसे में सरकार को काफी फजीहत हो रही है। इतना ही नहीं देश में आगामी कुछ महीनो में लोकसभा का चुनाव होना है और नीतीश कुमार इस चुनाव में खुद को मजबूत बनाना चाहते हैं इसलिए आज वह नहीं चाहते हैं कि उन्हें लाखों वोटो का नुकसान उठाना पड़े। 


क्योंकि पिछली दफा 2020 के विधानसभा चुनाव में शिक्षकों को नाराज करने का कामयाजा नीतीश कुमार अच्छी तरह भुगत चुके हैं। इसलिए नीतीश कुमार नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दे या नहीं या तो उनका निर्णय होगा लेकिन वह नियोजित शिक्षकों को लेकर कोई ना कोई बड़ा फैसला जरूर कर सकते हैं।


इधर, हम तीसरी बिंदु पर बात करें तो यह बिंदु यह है कि बिहार के डिप्टी सीएम और राजद नेता सह स्वास्थ्य विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव कल यानी मंगलवार को राजधानी पटना में नहीं रहने वाले हैं उनका पहले से कार्यक्रम तय है ऐसे में यदि नीतीश कुमार को कोई बड़ा फैसला लेना हो कैबिनेट की इस बैठक में तो फिर वह इसे उपमुख्यमंत्री की सलाह मशवरा के साथ लेना चाहते हैं। यदि तेजस्वी यादव नहीं रहते हैं तो फिर उनके गैर मौजूदगी में फैसला लेना नीतीश कुमार उचित नहीं समझ रहे हैं। यही वजह है कि नीतीश कुमार ने मंगलवार को ना सही बल्कि सोमवार को ही कैबिनेट की बैठक बुलाई है और इस कैबिनेट की बैठक में वह कुछ नया विचार कर प्रदेशवासियों को उपहार दे सकते हैं।