PATNA: करीब दो साल पहले 2022 में नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़ कर अचानक से राजद के साथ चले गये थे. ये वो दौर था जब तेजस्वी यादव बार-बार कहते थे कि वे किसी सूरत में नीतीश कुमार के साथ नहीं जायेंगे. आज तेजस्वी यादव ने इसका राज खोला कि वे 2022 में नीतीश कुमार के साथ क्यों और किसकी गारंटी पर गये थे. तेजस्वी बोले-असली खेल पटना वाले चाचा नहीं बल्कि सुपौल वाले चाचा ने किया था.
सुपौल वाले चाचा ने किया था खेल
तेजस्वी यादव आज सुपौल में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने 2022 में हुए जेडीयू और आरजेडी के बीच समझौते का राज खोला. तेजस्वी ने कहा कि 2022 में सुपौल वाले चाचा हमारे घर पर समझौते का प्रस्ताव लेकर आय़े थे. तेजस्वी बोले-हम बोले कि नहीं भाई, नीतीश चाचा का कोई भरोसा नहीं है. वे कभी भी पलटी मार सकते हैं. इसलिए हम फिर दोस्ती नहीं करेंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा कि सुपौल वाले चाचा उस समय बार-बार ये कह रहे थे कि बीजेपी हमलोगों की पार्टी तोड़ देगी. जब मैंने कहा कि नीतीश चाचा पर कोई भरोसा नहीं है तो सुपौल वाले चाचा ने कहा कि हम गारंटी लेते हैं कि अब नीतीश कुमार पलटी नहीं मारेंगे. सुपौल वाले चाचा ने कहा था कि अगर नीतीश कुमार ने पलटी मारा तो वे नीतीश का साथ छोड़ कर राजद के साथ चले आयेंगे. तेजस्वी ने कहा कि सुपौल वाले चाचा की गारंटी पर ही हम 2022 में नीतीश चाचा के साथ जाने का तैयार हुए थे. लेकिन सुपौल वाले चाचा असली पलटीमार निकले. उनका कोई भरोसा नहीं है.
कौन हैं सुपौल वाले चाचा?
दरअसल तेजस्वी यादव बिहार सरकार के मंत्री विजेंद्र यादव को सुपौल वाले चाचा कह रहे थे. विजेंद्र यादव नीतीश कुमार के खास मंत्रियों में शामिल हैं. वे सुपौल से ही विधायक हैं. कहते हैं कि सुपौल जिले में वही होता है जो विजेंद्र यादव चाहते हैं. सुपौल से जेडीयू के सांसद और इस चुनाव में भी उम्मीदवार बनाये गये दिलेश्वर कामत को भी विजेंद्र यादव का ही यस मैन माना जाता है. लोग जानते हैं कि सुपौल में जेडीयू की ओर से लोकसभा चुनाव भी उम्मीदवार नहीं बल्कि विजेंद्र यादव ही लड़ते हैं. इसी कारण तेजस्वी ने उन पर हमला बोला.