PATNA:बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी बिहार के लगभग चार लाख हड़ताली नियोजित शिक्षकों के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होनें सीएम नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए कहा है कि शिक्षकों पर ध्यान दीजिए कोरोना से तो नहीं लेकिन वेतन नहीं मिलने से भूख से जरूर इन शिक्षकों का परिवार मर जाएगा।
जीतन राम मांझी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि नीतीश कुमार जी सूबे में कोरोना से एक व्यक्ति की मौत हुई है पर नियोजित शिक्षकों को वेतन न मिलने के कारण 42 शिक्षकों की मृत्यु हो गई है।राज्यहित में शिक्षकों पर ध्यान दिजिए नहीं तो उनके साथ-साथ उनके परिवार के लोग कोरोना से तो नहीं पर भूख से ज़रूर मर जाएंगें।
वहीं इस पूरे मसले पर HAM के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने नियोजित शिक्षकों के वेतन को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सूबे के नियोजित शिक्षक सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण भूखमरी के कागार पर पहुंच गए हैं,हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार के पूर्व मंत्री जीतन राम मांझी ने नियोजित शिक्षकों को अपने मुख्यमंत्रीत्व काल में परमानेंट किया था। आज पूरे सूबे में कोरोना से एक व्यक्ति की मौत हुई है जबकि राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण 42 नियोजित शिक्षकों की मृत्यु हो गई है। यह शिक्षा जगत के लिए शुभ संकेत नहीं है।
डॉ दानिश रिजवान ने कहा कि राज्यहित में शिक्षकों पर इस विकट परिस्थिति में बिहार सरकार नियोजित शिक्षकों समस्याओं पर ध्यान दे । नियोजित शिक्षकों के साथ सरकार ने न्याय नहीं किया तो उनके साथ-साथ उनके परिवार के लोग कोरोना से तो नहीं पर भूख से ज़रूर मर जाएंगें।