JHARKHAND : मनी लॉन्ड्रिंग कि आरोपी निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंगल को झारखण्ड हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की पीठ ने जमानत से इनकार करते हुए कहा कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त एक आईएएस अधिकारी को जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता है।
बता दें कि, पूजा सिंघल को मनरेगा घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 11 मई को गिरफ्तार किया गया था। आईएएस अधिकारी के सरकारी आवास पर भी ईडी ने छापेमारी की थी। जिसमें पूजा सिंगल के कई ठिकानों से दस्तावेज जब्त किए गए। उसी दिन पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के घर और दफ्तर पर भी छापा पड़ा, जहां से ईडी ने 17 करोड़ से अधिक कैश बरामद किए थे। इसके बाद पूजा सिंगल ने इस मामले में जमानत याचिका दाखिल कि थी। जिसके बाद तीन अगस्त को ईडी कोर्ट ने भी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद अब वापस से कोर्ट ने पूजा सिंगल को जमानत देने से इनकार कर दिया है। वेसे पूजा सिंगल वर्तमान में रिम्स में भर्ती है।
मालूम हो कि, इसबार आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल ने अपने खराब स्वास्थ्य व ईडी की जांच में सहयोग करने का कहकर जमानत देने का आग्रह किया था। उनकी ओर से अदालत को बताया गया कि ईडी की जांच में उन्होंने पूरा सहयोग किया है। ईडी को जब भी जरूरत पड़ेगी वह जांच में सहयोग करेगी। उनके खिलाफ जो भी आरोप ईडी ने लगाए हैं वह तथ्यहीन हैं और उसका कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है। वहीं, इसके बाद ईडी ने कहा कि सिंघल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। उन पर जो भी आरोप लगाए गए हैं उसके साक्ष्य भी मौजूद हैं। इन्होंने गलत तरीके से संपत्ति अर्जित कर निवेश किया है। ऐसे में इनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए। जिसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी।