नवरुणा हत्याकांड : 4 साल बाद भी सीबीआई से नहीं सुलझा केस, थक- हारकर टीम ने की इनपुट देने वालों के लिए ईनाम की घोषणा

नवरुणा हत्याकांड : 4 साल बाद भी सीबीआई से नहीं सुलझा केस, थक- हारकर टीम ने की इनपुट देने वालों के लिए ईनाम की घोषणा

PATNA : मुजफ्फरपुर में हुए नवरुणा हत्याकांड की गुत्थी सीबीआई की टीम 4 साल में भी नहीं सुलझा पाई है. सुप्रीम कोर्ट से मिले तीन महीने के अल्टीमेटम का यह आखिरी महीना है. अगस्त महीने में सर्वोच्च न्यायालय की ओर से टीम को तीन महीने की और मोहलत दी गई थी. इस केस को सुलझाने के लिए पटना सीबीआई की टीम ने मदद की अपील की है. सीबीआई ने पोस्टर चिपका कर सहयोग की मांग की है. मदद करने वालों के लिए 10 लाख इनाम रखा गया है. 


अप्रैल 2018 में पूर्व पार्षद समेत छह लोग हुए गिरफ्तार
अप्रैल 2018 में सीबीआई की टीम ने पूर्व पार्षद समेत छह गिरफ्तार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद आरोपियों की सीबीआई जज के आवास पर पेशी हुई जिसके बाद पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष शाह आलम शब्बू, विक्कू शुक्ला, ब्रजेश सिंह, राकेश कुमार समेत सभी छह लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया. इन आरोपियों से मुजफ्फरपुर स्थित सीबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय में भी लंबी पूछताछ की गई थी. 


नवरुणा को किडनैप कर की गई थी हत्या
सेंट जेवियर्स स्कूल की 7वीं की छात्रा नवरुणा को 18 सितंबर 2012 की अगवा कर लिया गया था. अपराधियों ने उसे मुजफ्फरपुर के जवाहरलाल रोड स्थित उसके कमरे से किडनैप किया था. बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी. ढाई महीने बाद उसके घर के निकट नाले की सफाई के दौरान मानव कंकाल मिला था. उसके माता-पिता की डीएनए जांच के बाद कंकाल नवरुणा का साबित हुआ था.


सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट ने दी है तीन महीने की मोहलत
उच्चतम न्यायालय ने अगस्त महीने में सीबीआई को नवरुणा हत्याकांड की जांच तीन माह में पूरी करने की मोहलत दी है. न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने अभिषेक रंजन कुमार की याचिका की सुनवाई के दौरान सीबीआई को फटकार भी लगाई थी. सीबीआई फरवरी 2014 से इस मामले की जांच कर रही है.