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फजीहत के बाद सरकार ने वापस लिया आदेश, नसबंदी का टारगेट पूरा नहीं होने पर जबरन कर्मियों को सेवानिवृति का था आदेश

1st Bihar Published by: Updated Fri, 21 Feb 2020 02:57:05 PM IST

फजीहत के बाद सरकार ने वापस लिया आदेश, नसबंदी का टारगेट पूरा नहीं होने पर जबरन कर्मियों को सेवानिवृति का था आदेश

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BHOPAL: मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने उस आदेश को वापस ले लिया है. जिसके कारण सरकार की फजीहत हो रही थी. विभाग ने आदेश दिया था कि कर्मचारियों को हर महीने 5 से 10 पुरुषों के नसंबदी ऑपरेशन कराना है. अगर टारगेट पूरा नहीं करने पर कर्मियों को नो-वर्क, नो-पे के आधार पर वेतन नहीं दिया जाएगा और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी. 

बीजेपी ने फैसले को बताया था तानाशाही

इसको लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी सरकार को घेरा और कहा कि’’ मध्यप्रदेश में अघोषित आपातकाल है. क्या ये कांग्रेस का इमर्जेंसी पार्ट-2 है? एमपीएचडब्ल्यू (Male Multi Purpose Health Workers) के प्रयास में कमी हो, तो सरकार कार्रवाई करे, लेकिन लक्ष्य पूरे नहीं होने पर वेतन रोकना और सेवानिवृत्त करने का निर्णय, तानाशाही है.

एमपीएचडब्ल्यू कर्मी बोले जबरन किसी का नहीं कर सकते ऑपरेशन

एमपीएचडब्ल्यू के कर्मियों इसका विरोध शुरू कर दिया था. कहा था कि अगर कोई व्यक्ति नसबंदी को लेकर तैयार नहीं है तो क्या किसी का जबरन ऑपरेशन कर दिया जाएगा. इसको लेकर राजनीति हो रही थी और सरकार की किरकिरी हो रही थी. जिसके बाद फैसले को वापस ले लिया गया है.