Bihar Assembly : अरे बैठिए न ...', संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्ष के आरोप पर कहा - चुनाव के बीच महिलायों इस वजह से दिए गए पैसे, क्योंकि... Bihar Assembly : सम्राट चौधरी से भयभीत दिख रहे हैं विपक्ष के नेता, सदन में बोले चिराग के विधायक - गरीबों के साथ नहीं होगा अन्याय Bihar Legislative Council : CM नीतीश कुमार से पहले बोलने पर राबड़ी देवी ने जताई नाराजगी, विपक्ष ने परिषद में किया वॉकआउट Anugrah Narayan Medical College : विपक्ष ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाया सवाल, स्पीकर ने स्वयं दिया जवाब और RJD विधायक को कहा – “मेरे साथ चलकर देखिए, शिकायत दूर होगी” Bihar Assembly Winter Session: ‘आप लोग काहे नहीं काम करते हैं जी’, सदन में मजाकिया अंदाज में सीएम नीतीश ने विपक्ष को खूब सुनाया Bihar Assembly Winter Session: ‘आप लोग काहे नहीं काम करते हैं जी’, सदन में मजाकिया अंदाज में सीएम नीतीश ने विपक्ष को खूब सुनाया Bihar Assembly : Bihar Assembly : किसी दूसरे जात के कोख से पैदा हुए हो का जी ....? विधानसभा में दलित समाज की चर्चा पर भड़के JDU विधायक, राजद के विधायक को लेकर कह दी यह बातें Tejashwi Yadav : नेता विरोधी दल सदन में नहीं हैं .... विधानसभा में आज भी नहीं पहुंचे तेजस्वी,स्पीकर ने पुकारा नाम तो सत्ता पक्ष ने ली चुटकी Bihar Assembly : सब कीजिए नमन जी ....,' CM नीतीश कुमार ने विपक्ष को कहा - आपलोग मोदी जी का नमन काहे नहीं करते है,आप भी कीजिए Bihar Assembly : नीतीश कुमार ने शीतकालीन सत्र में राज्यपाल अभिभाषण पर रखा बिहार के शिक्षा और स्वास्थ्य में किए गए विकास का पूरा ब्यौरा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 22 Jul 2024 01:28:23 PM IST
- फ़ोटो
DELHI: सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें कांवड़ यात्रा के दौरान उस रूट की दुकानों पर दुकानदारों का नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया था। योगी सरकार के इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रोक लगाने की मांग की गई थी।
दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 22 जुलाई से शुरू हो रहे कांवड़ यात्रा को लेकर आदेश जारी किया था कि कांवड़ यात्रा के रूट में जितनी भी खाने-पीने की चीजों की दुकानें हैं उन दुकानों पर दुकान के मालिक और संचालक अपना नाम लिखेंगे। यूपी की योगी सरकार ने शिवभक्तों की आस्था का हवाला देकर इस आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद इसको लेकर विवाद छिड़ गया था।
एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस फैसले को रद्द करने की मांग की। एनडीओ की तरफ से 20 जुलाई को ऑनलाइन सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की गई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था। इसके अलावा कई अलग-अलग याचिकाएं भी दाखिल की गई थीं। आज 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने याचिकाओं पर सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए योगी सरकार के आदेश पर रोक लगा दिया और कहा कि दुकानदार अपनी दुकानों पर खाने का प्रकार लिखें, अपना नाम लिखने की उन्हें जरूरत नहीं है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राज्यों के जवाब दाखिल करने तक ऐसे किसी भी आदेश पर रोक रहेगी। कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को पहचान बताने की जरुरत नहीं है बल्कि उन्हें केवल खाने के प्रकार बताने होंगे। कांवड़ियों को शाकाहारी खाना मिले और साफ सफाई रहे। खाना शाकाहारी है या मांसाहारी यह बताना जरूरी है। 26 जुलाई को इस मामले पर अगली सुनवाई होगी।