यही सुशासन है? एमवीआई का निजी चालक परिवहन कार्यालय में बैठकर खुलेआम कर रहा अवैध वसूली, वीडियो हुआ वायरल

यही सुशासन है? एमवीआई का निजी चालक परिवहन कार्यालय में बैठकर खुलेआम कर रहा अवैध वसूली, वीडियो हुआ वायरल

PURNIA : सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त शासन का एक और बेजोड़ उदाहरण सामने आया है. बिहार के एक परिवहन कार्यालय में साहब की कुर्सी पर बैठा एमवीआई का निजी चालक खुलेआम लोगों से अवैध वसूली कर रहा है. ना सुशासन का कोई डर, ना ही भ्रष्टाचार मुक्त शासन के दावे की कोई परवाह. एमवीआई के चालक की अवैध वसूली का वीडियो वायरल हुआ.


पूर्णिया जिला परिवहन कार्यालय का मामला
पूर्णिया जिला परिवहन कार्यालय का वायरल हुआ वीडियो बिहार में परिवहन कार्यालयों की हकीकत उजागर करने वाला है. इस वीडियो में एमवीआई निशांत कुमार की गाड़ी का ड्राइवर पप्पू कुमार सरकारी कार्यालय में कुर्सी पर बैठा हुआ है और वहां काम कराने पहुंचने वाले लोगों से डीलिंग कर अवैध पैसे की मांग कर रहा है.  इस वायरल वीडियो में साफ-साफ दिखाई दे रहा है कि एमवीआई का ड्राइवर दफ्तर में आये आदमी से अवैध पैसे मांग रहा है.


वायरल वीडियो में दिख रहे नजारे के मुताबिक एमवीआई कार्यालय में काम करवाने पहुंचे व्यक्ति के गाड़ी का चालान 15 हजार रुपये का काटा गया था. वह जब परिवहन कार्यालय में चलान के पैसे जमा करने गया तो उससे 15 हजार रुपये ज्यादा यानि कुल 30 हजार रुपये की मांग की गयी. पैसे की ये डिमांड एमवीआई का ड्राइवर कर रहा है. चलान के पैसे जमा कराने गया व्यक्ति पूछ रहा है कि क्या उसे 30 हजार रूपये की रसीद भी जायेगी. एमवीआई का ड्राइवर खुलेआम ये कह रहा है कि उसे कोई रसीद नहीं दी जाने वाली है.


मोलजोल के लिए साहब से मिल लो
ये सारी बातें भरे दफ्तर में हो रही हैं. वहां और भी लोग मौजूद हैं. जिस व्यक्ति से पैसे मांगे जा रहे हैं उसने ड्राइवर पप्पू कुमार के पास जाकर कुछ कहा. इसके बाद ड्राइवर ने कहा कि वह साहब से जाकर मिल ले. ड्राइवर की बातों से साफ हो रहा है कि खेल कहां का है और कौन इसे खेल रहा है. बताया जा रहा है कि जब चालक और व्यक्ति के बातचीत का वीडियो वायरल होने की खबर मिली तो उसे धमकी भी दी गयी.


दरअसल पूर्णिया के बस स्टैंड में दिसंबर में BR11T 7187 नंबर की बस का एक्सीडेंट हो गया था. इस संबंध में थाने में मामला दर्ज किया गया था. उसके बाद एमवीआई से बस की जांच रिपोर्ट मांगी गयी थी. जांच में बस के दस्तावेज में कुछ कमी पाई गई थी और सरकारी तौर पर बस का 15 हजार रूपये का चलान काटा गया था. बस का संचालक वही पैसा जमा करने परिवहन कार्यालय गया था, जहां एमवीआई के ड्राइवर ने पैसे की मांग की.


मिडिया ने वायरल वीडियो के संबंध में एमवीआई निशांत कुमार से बात की. एमवीआई ने कहा कि उन्हें वायरल वीडियो का जानकारी नहीं है. निशांत कुमार ने कहा कि वे ड्राइवर पप्पू द्वारा सरकारी कार्यालय में बैठकर पैसे वसूली के आरोपों की पड़ताल करेंगे.