PATNA : बिहार के बहुचर्चित मुंगेर गोलीकांड में सरकार हाईकोर्ट को भी गलत जानकारी देने से बाज नहीं आ रही है. सोमवार को सरकार ने कोर्ट को कहा था कि वह हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गयी है. मंगलवार को जब हाईकोर्ट ने फिर से सुनवाई की तो राज्य सरकार ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट नहीं बल्कि पटना हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. उधर बिहार सरकार की सीआईडी ने हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद इस गोलीकांड की जांच समय पर पूरी नहीं की है. नाराज कोर्ट ने सीआईडी के एडीजी को बुधवार को तलब किया है. गौरतलब है कि बहुचर्चित मुंगेर गोली कांड में वहां की तत्कालीन लिपि सिंह पर ढ़ेर सारे सवाल उठ रहे हैं. बिहार के लोग लिपि सिंह का रूतबा जानते हैं.
हाईकोर्ट में सरकार की फजीहत
दरअसल मुंगेर गोलीकांड में 7 अप्रैल को पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह गोलीकांड में मारे गये अनुराग पोद्दार के परिजनों को 10 लाख रूपये का मुआवजा दे. हाईकोर्ट ने इसके साथ सीआईडी को कहा था कि वह इस मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में करे औऱ चार सप्ताह में रिपोर्ट दे. सरकार ने न मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया औऱ ना ही सीआईडी ने तय सीमा में जांच पूरी की. इसके बाद मुंगेर गोलीकांड में मारे गये अनुराग पोद्दार के पिता अमरनाथ पोद्दार ने हाईकोर्ट में फिर से याचिका दायर की थी.
सरकार ने दी गलत जानकारी
इस मामले पर हाईकोर्ट ने 17 मई यानि इसी सोमवार को सुनवाई की थी. सरकार ने कोर्ट को कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट गयी है. सरकार ने कहा कि वह हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है. इसके बाद हाईकोर्ट ने मंगलवार का दिन तय करते हुए सरकार को ये डिटेल देने को कहा था कि वह कब सुप्रीम कोर्ट गयी.
मंगलवार को हाईकोर्ट में राज्य सरकार के वकील ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में .याचिका दायर नहीं की गयी है. राज्य सरकार ने बताया कि जिस वकील से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने पर कानूनी राय मांगी गयी थी उनकी कोरोना से मौत हो गयी. इसके कारण सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर नहीं की गयी है.
अब हाईकोर्ट में ही याचिका दायर करेंगे
राज्य सरकार के वकील ने बताया कि इसी दौरान बिहार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की जरूरत नहीं है. पटना हाईकोर्ट में ही मुआवजा खत्म करने या कम करने की याचिका दायर की जा सकती है. हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की बेंच ने राज्य सरकार के रवैये पर गहरी नाराजगी जतायी.
सीआईडी के एडीजी तलब
इस बीच हाईकोर्ट ने सीआईडी के एडीजी को कोर्ट में तलब किया है. उनसे कहा गया है कि वे मुंगेर गोली कांड के अनुसंधान की रिपोर्ट के साथ बुधवार को दिन में साढे 10 बजे कोर्ट में वर्चुअल तरीके से हाजिर हों.
लिपि सिंह के लिए सारा खेल?
गौरतलब है कि मुंगेर गोलीकांड में सारे सवाल तत्कालीन एसपी लिपि सिंह पर उठ रहे हैं. लिपि सिंह बिहार में सत्तारूढ जेडीयू की राष्ट्रीय अध्यक्ष आऱसीपी सिह की बेटी है. मुंगेर में पिछले साल दुर्गा पूजा के मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस ने फायरिंग की थी. इसमें एक युवक अनुराग पोद्दार की मौत हो गयी थी. फायरिंग के बाद मुंगेर पुलिस ने गोली चलाने की बात ये ही इंकार कर दिया था. लेकिन बाद में चुनाव के मद्देनजर तैनात सेंट्रल पारा मिलिट्री फोर्स की रिपोर्ट से ये साबित हुआ कि पुलिस ने गोलियां चलायी थी. इस दौरान पुलिसकर्मियों के साथ एक सिविल ड्रेस वाले को लोगों पर बर्बर तरीके से लाठियां चलाते हुए वीडियो भी सामने आय़ा था. स्थानीय लोगों का आऱोप है कि दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान लोगों की बर्बर पिटाई करने वाला युवक लिपि सिंह का करीबी है और उसका पुलिस से कोई लेना देना नहीं है.
इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फैसला सुनाया था. मुंगेर गोली कांड में मारे गये अनुराग पोद्दार के पिता सुप्रीम कोर्ट गये थे. उनकी मांग थी कि इस गोलीकांड की सीबीआई जांच करायी जाये. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को मामले की सुनवाई कर दो महीने में फैसला सुनाने को कहा था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने 7 अप्रैल को फैसला सुनाया था.