DESK : 26 दलों के विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में एनसीपी चीफ शरद पवार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने वाले हैं। पवार 1 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंंच साझा करेंगे। वहीं, शरद पावर पीएम मोदी से मुलाकात करने के बाद इंडिया की तीसरी बैठक जो 25 और 26 अगस्त को मुंबई में होने वाली है उसकी मेजबानी भी करेंगे। ऐसे में अब इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि, आखिरकार पवार से मीटिंग से पहले इस मुलाकात कर क्या असर पड़ने वाला है और क्या इस मीटिंग में इस मामले को लेकर भी उनसे सवाल किए जाएंगे।
दरअसल, पीएम मोदी पुणे में लोकमान्य तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट की ओर से आयोजित लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेंगे। वहीं, 1 अगस्त को होने वाले इस समारोह में शरद पवार मुख्य अतिथि होंगे। इस लिहाजा इनका वहां जाना लगभग पहले से ही तय माना जा रहा है। ऐसे में मुंबई में तीसरे चरण की मीटिंग से पहले इन दोनों नेताओं के मुलाक़ात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसकी एक वजह कुछ दिनों पहले हीओ शरद पावर की पार्टी में टूट के बाद एक पक्ष का एनडीए में जाना है।
वहीं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संसद में ‘इंडिया’ के नेताओं की बैठक में एक क्षेत्रीय पार्टी के नेता ने मोदी और पवार की संभावित मुलाकात का मुद्दा छेड़ा था। उन्होंने इस मुलाकात को लेकर निराशा ज़ाहिर की। जबकि कुछ नेताओं का विचार था कि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे पवार को समझाएं कि वो इस समारोह में न जाएं।विपक्षी गठबंधन के नेताओं की इस बैठक में एनसीपी के राज्यसभा सांसद वंदना चह्वाण मौजूद थीं। लेकिन, उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं किया। हालांकि,इस मीटिंग में एक बड़े नेता ने यह जरूर कहा कि, "हम सोते हुए को जगा सकते हैं लेकिन क्या हम उसे जगा सकते हैं जो सोने का बहाना कर रहा हो?’
इधर, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि सोमवार को लोकसभा में दिल्ली सर्विसेज बिल पेश किया जा सकता है और उसके बाद मंगलवार यानी 1 अगस्त को इसे राज्यसभा में रखा जा सकता है। विपक्ष को किसी भी हाल में इस बिल को गिरवाना है इसलिए इसके सभी सांसदों का होना जरूरी है। ऐसे में शरद पवार का नहीं रहना उनके लिए भी एक बड़ा मुसीबत बन सकता है। इसके साथ ही साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भी शरद के पीएम मोदी के कार्यक्रम में जाने को उचित नहीं मानता है।