DESK: यूपी में हो रहे विधानसभा चुनाव में जेडीयू का एक उम्मीदवार चर्चा का विषय बना हुआ है. 25 हजार के इनामी मुजरिम रहे धनंजय सिंह को जेडीयू ने मल्हनी विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. मुकेश सहनी ने अपनी पार्टी की ओर से जेडीयू उम्मीदवार धनंजय सिंह को समर्थन देने का एलान किया है।
जेडीयू के उम्मीदवार धनंजय सिंह ने आज ट्वीट कर मुकेश सहनी को समर्थन देने के लिए शुक्रिया कहा. हालांकि उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में आने वाली इस सीट पर मुकेश सहनी ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था. वीआईपी पार्टी के प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि जेडीयू के शीर्ष के नेताओं ने धनंजय सिंह को समर्थन देने को कहा था. उसके बाद वीआईपी पार्टी ने उन्हें अपना समर्थन दिया है।
हम आपको बता दें कि बाहुबली धनंजय सिंह का नाम उत्तर प्रदेश में हो रहे चुनाव में जोर शोर से उछला था. कई गंभीर आरोपों के अभियुक्त धनंजय सिंह 25 हजार के इनामी मुजरिम रहे हैं. चुनाव से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने धनंजय सिंह का क्रिकेट खेलते वीडियो ट्वीट कर पूछा था कि इनामी मुजरिम खुले में क्रिकेट कैसे खेल रहा है। अखिलेश यादव का आरोप था कि एक खास जाति से आने के कारण योगी आदित्यनाथ की सरकार ने धनंजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। वहीं धनंजय सिंह ने दावा किया कि कोर्ट से बेल मिलने के बाद वे बाहर घूम रहे हैं और उनके खिलाफ कोई वारंट नहीं है।
यादव लैंड माना जाता है मल्हनी
हम आपको ये भी बता दें कि मल्हनी में मल्लाह जाति के वोटरों की कोई बड़ी संख्या नहीं है. मुकेश सहनी इसी जाति के वोट बैंक की सियासत यूपी में कर रहे हैं. मल्हनी को यादव लैंड के तौर पर जाना जाता रहा है और उत्तर प्रदेश में ये समाजवादी पार्टी की सबसे सेफ सीट मानी जाती है. सपा के दिग्गज नेता पारसनाथ यादव ने 2012 और 17 के चुनाव में यहां से जीत हासिल की थी. पारसनाथ के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनके बेटे लकी यादव विधायक चुने गए.लकी यादव इस दफे फिर समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।
हालांकि बाहुबली धनंजय सिंह लंबे अर्से से इस सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं लेकिन उन्हें बार-बार हार का ही सामना करना पड़ा है. 2012 के विधानसभा चुनाव में धनंजय सिंह की पत्नी जागृति सिंह यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरी थीं. लेकिन उन्हें 31 हजार वोटों से सपा के पारसनाथ यादव से हार का सामना करना पड़ा था. 2017 में पारसनाथ को टक्कर देने धनंजय सिंह खुद निषाद पार्टी का टिकट लेकर चुनाव मैदान में उतरे थे इस बार भी उन्हें 21210 वोट से हार का सामना करना पड़ा था. धनंजय सिंह ने 2022 के चुनाव में बीजेपी या उसकी किसी सहयोगी पार्टी से टिकट लेने के लिए काफी कोशिश की थी लेकिन वे सफल नहीं हुए. ऐसे में आखिरी वक्त में जेडीयू ने उन्हें टिकट देकर मैदान में उतार दिया।