दिसंबर में बिहार की यात्रा पर निकलेंगे तेजस्वी, RJD विधायकों से कहा- सत्र के बाद सीधे क्षेत्र में जाइए,वरना रहना पड़ सकता है सदन से दूर

दिसंबर में बिहार की यात्रा पर निकलेंगे तेजस्वी, RJD विधायकों से कहा- सत्र के बाद सीधे क्षेत्र में जाइए,वरना रहना पड़ सकता है सदन से दूर

PATNA : उपचुनाव में चार सीटों पर करारी हार के बाद अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक बार फिर बिहार की यात्रा पर निकल रहे हैं। तेजस्वी ने सीधे तौर पर कह दिया है कि विधानसभा चुनाव-2025 के लिए अभी से ही पूरी तरह से एक्टिव होने का समय आ गया है ताकि हमलोग बेहतर कर सकें। तेजस्वी ने कहा है कि वतर्मान में शीतकालीन सत्र चल रहा है। जैसे ही यह सत्र खत्म होता है वैसे ही वह बिहार यात्रा पर वापस से निकलेंगे। 


दरअसल, सोमवार को विधायक दल की बैठक में उन्होंने पार्टी के विधायकों को टास्क दिया है। तेजस्वी ने अपने विधायकों से कहा है कि शीतकालीन सत्र खत्म होने के बाद दिसंबर माह में फिर से यात्रा पर निकलेंगे। अधूरी पड़ी कार्यकर्ता आभार यात्रा को पूरा करेंगे। इसके अलावा उन्होंने विधयाकों से कहा कि आपलोग अपने-अपने क्षेत्र में जाइए और लोगों से मिलिए। अधिक से अधिक लोगों को राष्ट्रीय जनता दल के साथ जोड़िए।


वहीं, आपलोग क्षेत्र में इस तरह से काम कीजिए कि फिर से सदन में आ सकें। बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत कीजिए। सूत्रों की मानें तो उपचुनाव में मिली करारी हार पर मीटिंग में कोई चर्चा नहीं हुई है। हालांकि यात्रा का शेड्यूल अभी जारी नहीं हुआ है। इसकी जानकारी आगे दी जाएगी। तेजस्वी यादव पर आरोप लगता रहा है कि वे अपनी कोई भी यात्रा पूरी नहीं करते हैं। बीच में ही छोड़ देते हैं। शायद यही वजह है कि नेता प्रतिपक्ष कार्यकर्ता संवाद यात्रा को पूरा करेंगे। 


मालूम हो कि इससे पहले आभार यात्रा को लेकर आरजेडी की ओर से गाइडलाइन जारी किया गया था। कार्यकर्ताओं और नेताओं को सेल्फी लेने की मनाही थी। मीडिया की एंट्री पर भी बैन था। तेजस्वी बंद कमरे में पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलकर फीडबैक ले रहे थे। जानकारी के मुताबिक तेजस्वी यादव 28 नवंबर को शीतकालीन सत्र में मौजूद नहीं रहेंगे। हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में रांची जाएंगे। रांची के मोहराबादी मैदान में झारखंड की नई सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम है। इसमें राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी आ रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह के बहाने विपक्षी नेताओं का जुटान होगा।