‘मुद्दों की बात छोड़ मछली और संतरा पर हो रही सियासत’ तेजस्वी ने बीजेपी को महंगाई और बेरोजगारी पर घेरा

‘मुद्दों की बात छोड़ मछली और संतरा पर हो रही सियासत’ तेजस्वी ने बीजेपी को महंगाई और बेरोजगारी पर घेरा

PATNA: चुनाव प्रचार के दौरान नवरात्रि में तेजस्वी यादव के मछली खाने और संतरा खाने को लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है। नवरात्रि में मछली खाने को लेकर एक तरफ बीजेपी ने हमलावर हो गई है और लालू-तेजस्वी को फर्जी सनातनी बताया है तो दूसरी तरफ फजीहत के बाद तेजस्वी ने संतरा खाकर खुद को भगवाधारी बता दिया। मछली और संतरा खाने पर हो रही सियासत पर तेजस्वी का रिएक्शन आया है।


गुरुवार को चुनाव प्रचार में रवाना होने से पहले तेजस्वी ने मीडिया से बाचतीच के दौरान बीजेपी पर हमला बोला। मछली और संतरा खाने पर बीजेपी की तरफ से की जा रही सियासत पर तेजस्वी ने कहा कि खाने पीने पर सियासत होने लगे तो आप समझ जाइए, मुद्दे की बात होनी चाहिए न। हमलोग तो मुद्दे की बात करना चाहते हैं। हमलोग बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई की बात कर रहे हैं।


उन्होंने कहा कि क्या एक बार भी बीजेपी के लोगों ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जा की जरूरत है? एक बार भी नहीं कहा कि बिहार को विशेष पैकेज देंगे। बीजेपी ने एक बार भी नहीं कहा कि वह बिहार के युवाओं का कैसे भला करेगी। इन सब मुद्दों पर तो किसी भी बीजेपी नेता ने कुछ नहीं कहा, उन्हें इन सब मुद्दों पर बात करनी चाहिए।


उधर, तेजस्वी ने सोशल मीडिया एक्स पर बीजेपी को निशाने पर लेते हुए एक पोस्ट लिखा है। इस पोस्ट में तेजस्वी ने लिखा कि, “देश का युवा वर्ग जान चुका है कि प्रधानमंत्री जी कभी भी बेरोजगारी, किसानी, महंगाई, गरीबी, शिक्षा-स्वास्थ्य और ज्वलंत मुद्दों पर बात नहीं करते। 10 वर्ष शासन में रहने के बावजूद भी वो अपनी उपलब्धियां गिनाने की बजाय हर बात के लिए विपक्ष को दोषी ठहराते है। PM को बताना चाहिए कि विगत 46 वर्षों में उनके शासन में ही बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई सबसे अधिक क्यों बढ़ी”?


तेजस्वी के इस पोस्ट पर जेडीयू ने तीखा तंज किया है। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी के पोस्ट को टैग करते हुए लिखा कि, किसका IQ चेक कर रहे थे? कृपया सुधार कर लें तेजस्वी यादव जी” दरअसल, नीरज ने तेजस्वी की पोस्ट में उन लाइनों को लेकर सवाल उठाया है, जिसमें तेजस्वी ने लिखा कि “PM को बताना चाहिए कि विगत 46 वर्षों में उनके शासन में ही बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई सबसे अधिक क्यों बढ़ी”।