DELHI : बिहार के बाहुबली ‘साहब’ यानि शहाबुद्दीन की मौत के बाद उनकी कब्र को लेकर भी बखेड़ा खड़ा हो गया है. दिल्ली से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक जिस कब्रिस्तान में उन्हें दफन किया गया था, वहां बैगर इजाजत के मकबरा बनाया जा रहा था. कब्रिस्तान कमेटी को इसकी खबर मिली तो इसका विरोध कर दिया, कमेटी को मनाने से लेकर रूतबा दिखाने की काफी कोशिश की गयी लेकिन बात नहीं बनी. लिहाजा मकबरा बनाने का काम रोक दिया गया है.
दिल्ली के जदीद कब्रिस्तान में बखेडा
शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके शव को दिल्ली गेट के पास जदीद कब्रिस्तान में दफनाया गया था. कुछ दिन पहले शहाबुद्दीन के परिजनों ने वहां मकबरा औऱ पक्की कब्र बनाने के लिए बालू-गिट्टी-सीमेंट-ईंट-सरिया जैसे निर्माण सामग्री लाकर रख दिया था. फिर कब्र को पक्की करने का काम शुरू कर दिया. जब कब्रिस्तान में पक्का निर्माण शुरू हुआ तो कब्रिस्तान कमेटी को इसकी खबर मिली. इसके बाद बखेडा खडा हो गया.
जदीद कब्रिस्तान कमेटी के सदस्यों ने पक्के विरोध कर दिया. कमेटी ने कब्र के पक्कीकरण पर रोक लगा दी. कब्रिस्तान कमेटी के मुताबिक कोरोना के कारण काफी मौत हुई है औऱ ऐसे में वहां पक्की कब्र बनाने पर रोक लगा दी गयी है. कब्रिस्तान कमेटी के हस्तक्षेप करने से पहले ही कब्र के चारो ओऱ पक्की दीवार बनवा दी गयी थी. कमेटी ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए तत्काल काम रोकने को कहा.
पुलिस बुलाकर काम रूकवान पडा
जदीद कब्रिस्तान कमेटी ने पक्की कब्र बनाने पर रोक लगा दी फिर शहाबुद्दीन के परिजनों ने काम नहीं रोका. कब्र के पक्कीकरण का काम चलता रहा. कब्रिस्तान कमेटी ने पुलिस बुलायी. पुलिस ने काम रहे लोगों से पूछा कि क्या उनके पास पक्का काम कराने की परमिशन है. वे कोई परमिशन नहीं दिखा पाये. लेकिन इसके बाद भी काम जारी रहा. बाद में काफी तादाद में स्थानीय लोगों के साथ कब्रिस्तान कमेटी के लोग पहुंचे. जमकर हंगामा हुआ औऱ तब कब्र के पक्कीकरण का काम रोका गया.
जदीद कब्रिस्तान कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि 1992 में ही कमेटी ने फैसला लिया था कि जगह की कमी के कारण यहां पक्की कब्र नहीं बनायी जायेगी. उसके बाद से वहां एक भी पक्की कब्र नहीं बनी है. हालांकि कब्रिस्तान कमेटी ने ऑन रिकार्ड कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.
गौरतलब है कि पिछले 1 मई को शहाबुद्दीन की दिल्ली में कोरोना संक्रमण से मौत हो गयी थी. शहाबुद्दीन के परिजन शव को सिवान लाकर दफनाना चाहते थे लेकिन कोविड प्रोटोकॉल के कारण इजाजत नहीं मिली.बाद में शव को दिल्ली हाट के पास जदीद कब्रिस्तान में दफनाया गया था.