PATNA: फरवरी माह के वेतन रोके जाने से नाराज हड़ताली शिक्षक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से गुहार लगाई है. टीईटी शिक्षक संघ की ओर से प्रदेश संयोजक अमित विक्रम औरप्रदेश महासचिव उदय शंकर सिंह ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में टीईटी, माध्यमिक एवं नियोजित शिक्षकों का फरवरी माह की कार्य अवधि का वेतन भुगतान रोके जाने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई.
संघ ने अपनी शिकायत में बिहार के चार लाख टीईटी एवं नियोजित शिक्षकों का जनवरी एवं फरवरी माह का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है. यह खबर अगले दिन अखबारों में भी प्रकाशित हुई थी. इसके फलस्वरूप बिहार सरकार ने जनवरी माह का तो वेतन जारी कर दिया, लेकिन फरवरी माह में किए गए कार्य अवधि के वेतन को लेकर के शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव ने यह टिप्पणी कर दी कि जो शिक्षक हड़ताल में है उनका वेतन भुगतान नहीं किया जाए
नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से, माध्यमिक शिक्षक 25 फरवरी से एवं टीईटी शिक्षक 27 फरवरी से हड़ताल पर हैं. ऐसे में उनके द्वारा फरवरी में 16, 24 एवं 26 दिन कार्य किया गया. लेकिन बिहार सरकार द्वारा इनके द्वारा किए गए उस कार्य अवधि के वेतन भुगतान पर भी रोक लगा दी गई है. ऐसा करना ना केवल असंवैधानिक है बल्कि वर्तमान में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को देखते हुए और असंवेदनशील है. बिहार के चार लाख शिक्षकों का वेतन 2 माह से लंबित है जबकि पीएम मोदी ने भी यह अपील की है कि किसी भी कर्मी का वेतन बाधित ना किया जाए.
संघ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से अनुरोध किया है कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए इस असंवैधानिक एवं और असंवेदनशील फैसले पर तत्काल रोक लगाई जाए एवं फरवरी माह का वेतन शीघ्र अति शीघ्र जारी करने हेतु शिक्षा विभाग बिहार सरकार को निर्देश देने की कृपा की जाए.