DELHI: मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घूमाने का वीडियो वायरल होने के बाद केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। केंद्र सरकार ने ट्विटर समेत अन्य मीडिया मीडिया प्लेटफार्म को नोटिस जारी किया है। बुधवार को दो मणिपुरी महिलाओं का शर्मनाक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। सरकार ने महिलाओं के वायरल वीडियो को सोशल मीडिया से जल्द से जल्द हटाने का निर्देश दिया है।
केंद्र सरकार का मानना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत में भारतीय कानूनों का पालन करना अनिवार्य है। महिलाओं से दरिंदगी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मणिपुर में तनाव बढ़ गया है, जिसके बाद केंद्र ने ट्विटर समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म को नोटिस भेजा है। भारतीय कानून का उल्लंघन करते हुए सोशल मीडिया पर महिलाओं के वीडियोज दिखाए गए ऐसे में कहा जा रहा है कि सरकार ट्विटर के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकती है।
दरअसल, संसद को मानसून सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए घटना पर दुख जताया और कहा कि इस घटना में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर की घटना पर उनका हृदय पीड़ा और क्रोध से भर गया है। यह घटना किसी भी समाज के लिए शर्मसार करने वाली है। पाप और गुनाह करने वाले किसी भी जगह के हों, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हुई है। उन्होंने कहा था कि महिलाओं की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी।
बता दें कि मणिपुर में इन दिनों जातीय हिंसा चरम पर पहुंच गया है। हिंसा के बीच एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है जिससे मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में तनाव फैल गया है। इस वायरल वीडियों में दो महिलाओं को नग्न करके घुमाया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वीडियो चार मई का है और दोनों महिलाएं कुकी समुदाय से आती हैं। वहीं जो लोग महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं वो सभी मैतई समुदाय के हैं। दरिंदगी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सरकार इसको लेकर सख्त हो गई है और वायरल वीडियो को जल्द से जल्द हटाने का निर्देश जारी किया है।