PURNEA: लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपनी मर्यादा को लांघ रहे हैं। चुनाव के दौरान हर दिन नेताओं के ऐसे बयान सामने आ रहे हैं जो एक सभ्य समाज के लिए कही से भी ठीक नहीं है। पूर्णिया में महागठबंधन की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए माले विधायक दल के नेता और बलरामपुर से विधायक महबूब आलम ने बीजेपी और केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ खूब जहर उगला।
चुनावी रैली को संबोधित करते हुए माले विधायक महबूब आलम ने खुले मंच से बीजेपी, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के खिलाफ जो नहीं कहना चाहिए वह भी बोल गए। शब्दों की मर्यादा को तार-तार करते हुए माले विधायक ने जहां केंद्र सरकार को सांप्रदायिक और फासीवादियों की सरकार बताया तो वहीं प्रधानमंत्री को सबसे बड़ा जुमलेबाज बताया। इसके साथ ही उन्होंने अमित शाह का नाम लेकर बीजेपी नेताओं को अंग्रेजों का तलवा चाटने वाले और सावरकर-गोडसे की औलाद बता दिया।
महबूब आलम ने कहा कि ये सांप्रदायिक फासीवादियों की सरकार है। इन लोगों ने जो वादा किया था आज उस वादे का हिसाब लेना है। 2022 कर किसानों की आय को दो गुना करने के वादे का क्या हुआ?, हर साल दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार देने के वादे का क्या हुआ? सबका साथ सबका विकास के वादे का क्या हुआ? इन लोगों को जनता की अदालत में जवाब देना होगा।
माले विधायक ने कहा कि बीजेपी ने 10 साल के शासनकाल में सिर्फ देश को बेचने का काम किया। अपना खून पसीना बहाकर देश की जनता ने जो दौलत बनाई उसे अपने भगोड़े दोस्तों के बीच बेच दिया। विदेशों में जमा काला धन वापस लाने का वादा किया, जुमलाबाजी छोड़कर इन्हें देश की जनता को जवाब देना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए माले विधायक ने कहा कि उन्हें तो खुद को जुमलाबाज कहलाने में ही खुशी मिलती है लेकिन पूरा हिंदुस्तान शर्मिंदा है कि देश का प्रधानमंत्री एक जुमलेबाज है। देश की जनता जुमलेबाजी का हिसाब किताब इस चुनाव में लेगी। अमृतकाल का वादा कर 10 साल में देश को विनाशकाल में बदल दिया।
महबूब आलम ने कहा कि इन लोगों ने सीमांचल को टारगेट किया है। जो कश्मीर का हाल इन लोगों ने किया, लोगों का हक छीन लिया और अब उनकी नजर सीमांचल पर है। कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज ही नहीं बंगाल के मालदा, दिनादपुर और ग्वालपाड़ा का इलाका है इसको आखिर क्यों टारगेट किया जा रहा है। लोगों को समझना होगा कि इसे क्यों टारगेट किया जा रहा है।
महबूब आलम ने कहा कि इन इलाकों को सिर्फ इसलिए टारगेट किया गया क्योंकि इन इलाकों में मुसलमान, पिछड़े, अति पिछड़े रहते हैं लेकिन सीमांचल की जनता किसी के झांसे में आने वाली नहीं है। सीमांचल में इंडी गठबंधन का परचम शान से लहराएगा। उन्होंने कहा कि नौजवानों को अमित शाह से पूछना चाहिए कि उन्होंने सीएए किसके खिलाफ लाया, नीतीश कुमार से पूछना चाहिए कि सीएए में उनके सांसद ने किसको वोट दिया।
उन्होंने कहा कि सीएए सीमांचल की जनता के खिलाफ साजिश है। केंद्र की सरकार सीमांचल की जनता की देशभक्ति पर सवाल उठाती है। अंग्रेजों का तलवा चाटने वाले हमपर क्या सवाल उठाएंगे। सावरकर की औलाद और नाथू राम गोडसे के नक्शेकदम पर चलने वाले क्या सवाल उठाएंगे। समय आने पर उन्हें माकूल जवाब दिया जाएगा।