महागठबंधन में सीट शेयरिंग से पहले ही टिकट बांट रहे लालू-तेजस्वी? सवाल से बचकर भागे अखिलेश सिंह

महागठबंधन में सीट शेयरिंग से पहले ही टिकट बांट रहे लालू-तेजस्वी? सवाल से बचकर भागे अखिलेश सिंह

PATNA: महागठबंधन में सीट शेयरिंग से पहले ही आरजेडी टिकट बांट रही है। कहा जा रहा है कि लालू और तेजस्वी ने पहले चरण के होने वाले चुनाव के लिए बिहार की चार सीटों के उम्मीदवारों को आरजेडी का सिंबल दे दिया है। सियासी गलियारे में चर्चा है कि लालू ने रात के अंधेरे में चारों उम्मीदवारों को घर बुलाकर पार्टी का सिंबल दे दिया। इसकी जानकारी मिलते ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह दिल्ली से भागे-भागे पटना पहुंचे और राबड़ी आवास पहुंचे और लालू से मुलाकात की हालांकि, जब मीडियाकर्मियों ने अखिलेश सिंह से सवाल पूछा तो वे सवालों से बचकर भाग निकले।


दरअसल, आगामी 19 अप्रैल को होने वाली पहले चरण की वोटिंग में बिहार की चार सीटों पर मतदान होना है। इस चार सीटों में गया, औरंगाबाद, जमुई और नवादा लोकसभा सीट शामिल हैं। बिहार एनडीए में सीट बंटवारे के बाद अब विपक्षी खेमें यानी महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर गहमागहमी चल रही है। अभी सीट शेयरिंग का फॉर्मूला भी तय नहीं था कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने टिकट बांटना भी शुरू कर दिया है।


सूत्रों की मानें तो बुधवार की देर रात लालू प्रसाद ने पहले चरण की चार सीटों के लिए आरजेडी उम्मीदवारों के बीच सिंबल बांट दिया। पहले चरण में जिन चार उम्मीदवारों को टिकट दिया गया उसमें गया से पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत, नवादा श्रवण कुशवाहा , जमुई से अर्चना रामदास और औरंगाबाद जो कांग्रेस की सीट है उसपर भी आरजेडी उम्मीदवार के तौर पर अभय कुशवाहा को आरजेडी का सिबल बांट दिया। इस बात की जानकारी जैसे ही कांग्रेस को हुई। कांग्रेस आला कमान ने दिल्ली में मौजूद बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधिलेश सिंह को पटना रवाना कर दिया।


अखिलेस सिंह भागे-भागे राबड़ी आवास पहुंचे और लालू-तेजस्वी से मुलाकात की। करीब आधे घंटे के बाद अखिलेश सिंह मायूस होकर राबड़ी आवास से बाहर निकल गए। राबड़ी आवास के बाहर मौजूद मीडियाकर्मियों ने जब उनसे पूछा कि बिना सीट शेयरिंग के ही लालू-तेजस्वी टिकट बांट रहे हैं। इस सवाल पर अखिलेश सिंह झल्ला गए और लगातार सवालों से बचते रहे। सिर्फ यह कहते रहें कि सब कुछ हो जाएगा। इसके बाद अखिलेश सिंह वहां से किसी तरह से मीडिया पीछा छुड़ाकर भाग निकले। 


मतलब साफ है कि बिहार में कांग्रेस अब भी आरजेडी की पिछलग्गू ही है। हर बार कि तरह इस बार भी सीटों के बंटवारे में लालू की मनमानी कांग्रेस पर पूरी तरह से हावी है। कांग्रेस चाहकर भी लालू का विरोध नहीं कर पा रही है और लालू पहले की ही तरह इसबार भी टिकट बंटवारे में अपना फायदा-नुकसान देख रहे हैं और गठबंधन में शामिल कांग्रेस और वाम दल लालू के रहमोकरम पर हैं और उनकी मजबूरी है कि लालू जितनी सीटें देंगे उतने पर ही उन्हें संतोष करना पड़ेगा।