बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने रखी यह मांग, बोर्ड से तत्काल ध्यान देने को कहा

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने रखी यह मांग, बोर्ड से तत्काल ध्यान देने को कहा

PATNA : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष से मांग की है कि समिति द्वारा पिछले दो सत्रों में इंटर नामांकन हेतु ओएफएसएस के तहत छात्र-छात्राओं से आवेदन फॉर्म व रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में ली गई राशि का भुगतान नियमानुसार राज्य के महाविद्यालयों एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों को करायें। 

दो सत्र बीत जाने के बावजूद भी नहीं मिली राशि 

संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि इंटर में नामांकन से पूर्व बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ओएफएसएस के माध्यम से छात्र-छात्राओं से आवेदन कराए जाते हैं तथा आवेदन सह पंजीयन शुल्क के रूप में ऑनलाइन 300 रूपये भी लिये जाते है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने ही नियमावली बनाई है कि महाविद्यालयों एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयो में नामांकित छात्र-छात्राओं के अनुसार इस राशि से 200 रूपया प्रति छात्र-छात्रा संबंधित संस्थानों को दिए जायेगें। मगर पिछले दो सत्रों में कोई भी राशि इस मद में महाविद्यालयों एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयो को नहीं दी गई है। जबकि ये सभी छात्र-छात्राएं संबंधित संस्थानों से दो वर्षीय अध्ययन समाप्त व परीक्षा उत्तीर्ण भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि एक बार फिर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटर नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई। जिससे संस्थानों में परीक्षा समिति के निर्देशानुसार इंटर नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण करने में खर्च होने वाली राशि को लेकर उहापोह की स्थिति है और संस्थान प्रधानों व शिक्षकों द्वारा अपने वेतन की राशि खर्च कर निर्देश व विभिन्न प्रकिया का अनुपालन कराया जा रहा है। 


बोर्ड के अध्यक्ष तत्काल संज्ञान लें और भुगतान का निर्देश दें

संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ही बनाए गए भुगतान के नियम पर अब तक कारवाई ना करना खेदजनक है। जबकि सभी शिक्षण संस्थानों एवं नामांकित विद्यार्थियों का विवरण समिति के पास उपलब्ध है। समिति के अध्यक्ष को तत्काल इस पर संज्ञान लेकर नियमानुसार सभी संस्थानों को अविलंब भुगतान कराने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दें। जिससे इंटर नामांकन में उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का निर्बाध रुप से क्रियान्वयन किया जा सके।