DELHI : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल के सरकारी आवास पर करीब 4 घंटे चले सर्च ऑपरेशन के बाद देर रात ईडी की टीम उन्हें अपने साथ अपने दफ्तर ले गई। शराब घोटाला केस में ईडी द्वारा 16वीं गिरफ्तारी है। वहीं, पद पर रहने के दौरान किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का यह पहला मामला है।
वहीं, ईडी की टीम जब अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की प्रक्रिया में जुटी थी तो आम आदमी पार्टी की लीगल टीम अपने राष्ट्रीय संयोजक को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पहुंच गई। इनलोगों ने देश की सबसे बड़ी अदालत से इस मामले में तुरंत सुनवाई करने की मांग की। लेकिन, देर रात के केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई स्पेशल बेंच गठित नहीं किया। जिसके बाद कथित शराब घोटाले में केजरीवाल की गिरफ्तारी पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।
इसके बाद ईडी आज केजरीवाल को अदालत में पेश कर आगे की पूछताछ के लिए उन्हें कस्टडी में देने का अनुरोध करेगी। ईडी इस मामले में अब तक छह आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है और 128 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुकी है। केजरीवाल इस मामले में पूछताछ के लिए ईडी द्वारा जारी किए गए नौ समन को टाल चुके थे। इनमें नया समन गुरुवार 21 मार्च को जारी किया गया। उन्होंने इन समन को ‘अवैध’ करार दिया है। लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान के बीच, केजरीवाल की गिरफ्तारी पर 'आप' ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। 'आप' ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। जरूरत पड़ने पर, वह जेल से सरकार चलाएंगे। हालांकि, भाजपा ने नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री पद से उनके इस्तीफे की मांग की है।