MUZAFFARPUR: लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व सांसद आनंद मोहन को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मुजफ्फरपुर की कोर्ट ने 28 साल पुराने मामले में आनंद मोहन को बरी कर दिया है। जेल में बंद सजायाफ्ता कैदी के साथ मारपीट के मामले में आनंद मोहन को यह राहत मिली है।
दरअसल, पूरा मामला साल 1996 का है। 10 अप्रैल को समस्तीपुर के ताजपुर थाना क्षेत्र के मर्चा निवासी अशोक कुमार मिश्रा ने मिठनपुरा थाने में आनंद मोहन, रामू ठाकुर, पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला, बबलू श्रीवास्तव और जेल में बंद एक अन्य कैदी के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था।
केस दर्ज कराने वाला अशोक कुमार मिश्रा शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है और 1989 से ही जेल में बंद है। सजायाफ्ता अशोक कुमार मिश्रा ने आरोप लगाया था कि आनंद मोहन, रामू ठाकुर, पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला, बबलू श्रीवास्तव और एक अन्य कैदी जेल में बंद कैदियों से रंगदारी करते हैं और जब उसने इसका विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई।
आरोपियों में शामिल रामू ठाकुर, बबलू श्रीवास्तव की मौत हो चुकी है जबकि पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला कोर्ट से पहले ही बरी हो चुके हैं। इस केस में आरोपी पूर्व सांसद आनंद मोहन को मुजफ्फरपुर की प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी पूर्वी की कोर्ट ने बरी कर दिया है। बता दें कि आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी.कृष्णैया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट चूके हैं और अब जेल से बाहर हैं। उनकी पत्नी लवली आनंद जेडीयू के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रही हैं।