DELHI: देश में होने वाले लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। देश में सात चरणों में लोकसभा के चुनाव होंगे। लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने पूरा शेड्यूल जारी कर दिया है। चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है, जो चुनाव प्रक्रिया खत्म होने तक बरकरार रहेगी।
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद राजनैतिक दलों और उनके उम्मीदवारों पर चुनाव आयोग की तरफ से कुछ पाबंदी लगाई जाती है, ताकि सभी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने में बराबर का मंच मिल सके। केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा पूर्ण या आंशिक रूप से वित्तपोषित सभी संगठनों, समितियों, निगमों, आयोगों जैसे डीडीए, जल बोर्ड आदी पर भी लागू होती है।
इन संगठनों का अपनी उपलब्धियों का विशिष्ट रूप से विज्ञापन करना या नई सब्सिडी की घोषणा करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है। सभी राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए इसे फॉलो करना अनिवार्य होता है। आचार संहिता के उल्लंघन पर आयोग प्रत्याशी या राजनीतिक दल पर कार्रवाई कर सकता है। इतना ही नहीं चुनाव आयोग उम्मीदवार के चुनाव लड़ने से रोक भी लगा सकता है।
आचार संहिता लागू होने के बाद सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता है, जिससे किसी विशेष दल को फायदा हो। सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता। सभी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम वर्जित रहते हैं।
वहीं अधिकारियों/पदाधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती पर प्रतिबंध के साथ मीडिया में सरकारी खजाने से पार्टी की उपलब्धियों के संबंध में विज्ञापन पर खर्च नहीं किया जा सकता। होर्डिंग/विज्ञापन को तुरंत हटाना होता है। किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने से पहले प्रशासनिक अनुमति अनिवार्य होता है। कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता।