PATNA : लोकसभा चुनाव के बीच जदयू को एक बड़ा झटका लगा है। जदयू के महासचिव और जगदानंद सिंह के पुत्र अजीत कुमार ने जदयू से इस्तीफा दे दिया है। अजीत कुमार ने पार्टी से नाराजगी जताते हुए प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को पत्र लिखकर जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का एलान किया है। अजीत कुमार ने पत्र के जरिए पार्टी के कामों और फैसलों पर कई बड़े सवाल भी खड़े किए हैं।
अजीत कुमार ने अपने पत्र में कहा है कि "हाल के राजनीतिक घटनाक्रम में पार्टी के द्वारा गठबंधन को लेकर दो बड़े फैसले पार्टी की सबसे निचली और मजबूत इकाई को विश्वास में लिए बगैर बहुत कम समय के अंतराल में ले लिए गए। जिससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति लगातार बनी हुई है। ज्योंही कार्यकर्ता पार्टी की तरफ से कोई भी स्टैंड लेना शुरू करते हैं, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से ठीक उल्टा निर्णय ले लिया जाता है।
फिर भी हम सभी को लगा कि मुख्यमंत्री पार्टी और राज्यहित को देखते हुए कुछ उचित फैसला लिए होंगे। लेकिन चुनाव के दो चरण बीत जाने के बावजूद भी एनडीए गठबंधन की तरफ से बिहार हित को लेकर कोई भी बड़ी घोषणा अभी तक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सामान्यतः पिछले चुनावों में बिहार के हित को लेकर प्रधानमंत्री स्वयं ही कोई न कोई बड़ी घोषणा किया करते थे।
लेकिन इस बार बिहार के बारे में उनकी तरफ से विशेष राज्य का दर्जा सहित दर्जनों बड़े विषय पर अभी तक कोई वादा या चर्चा तक नहीं किया गया है। यहां तक कि भाजपा के नेता संविधान बदलने की बात सार्वजनिक मंच से लगातार कर रहे हैं। जिस पर अंकुश न लगने की वजह से बीजेपी का एजेंडा देश के लोकतंत्र लिए खतरनाक रूप अख्तियार कर चुका है।
नागरिक समाज में इस विषय को लेकर गहरी चिंता है। ऐसे में संगठन के पद धारक के तौर पर नैतिक रूप से लोगों के बीच जाकर एनडीए गठबंधन के लिए वोट मांगना ठीक प्रतीत नहीं हो रहा है। इसलिए जनता दल यूनाइटेड पार्टी के पद/सांगठनिक प्रभार सहित प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा इस पत्र के माध्यम से आपको सौंपता हूं। दल के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिले स्नेह के प्रति भी धन्यवाद प्रकट करता हूं।