PATNA : कोरोना वायरस जैसी महामारी के चलते मछली व्यापारियों को भी भारी नुकसान झेलना पर रहा है. मछली अपने समय से बड़ी हो गई है, पर उसका कोई खरीदार नहीं मिल रहा है.
आपको बता दें कि सूबे में मत्स्य पालन को सरकार बढ़ावा दे रही थी, जिस कारण बड़े पैमाने पर मछली उत्पादन शुरू हुआ है. बाढ़ के बूढनपुरा गांव में भी मछली पालन किया जाता है. हर बार मछली का उत्पादन काफी अच्छी तरह से होता था, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण मछली तालाब में ही बड़ी हो रही हैं, पर खरीदने वाला कोई नहीं मिल रहा है.
इस कारण मछली पालन करने वाले व्यापारियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है. मछली पालक बताते हैं कि इस समय तक मछली तालाब से निकलकर मंडी में चली जाती थी, और तालाब को फिर से सुखा कर इसमें दोबारा मछली पालन का कार्य शुरू हो जाता था. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते पुराने मछली ही अभी तक तालाब में पड़ी है.
मछली पालक बताते हैं कि ट्रांसपोर्टिंग और खरीदारी नहीं होने के कारण मछली तालाब में ही हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा रहा है. जितनी लागत उन्हें मछली पालने में लगी इतनी भी लागत उन्हें नहीं मिल पा रही है. जिस वजह से मछली तालाब में ही बड़े हो रहे है. कारोबार में हो रहे घाटे को देखते हुए मछली पालकों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.