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SUPAUL : लॉकडाउन में परंपराएं टूट रही हैं। लॉकडाउन के दौरान हमारे सामने ऐसी खबरें आ रही हैं जो दिलों को झकझोर कर रख देती हैं। एक पिता के तीन बेटे लॉकडाउन में बाहर फंसे रह गये। बाद में उन बेटों की मां और उस व्यक्ति की पत्नी ने अपने पति का अंतिम संस्कार किया। ये वक्त का तकाजा कहे या फिर इंसान की मजबूरी समाज बदल रहा है।
मामला सदर प्रखंड स्थित बरूआरी वार्ड नंबर छह का है। यहां 68 साल के लखन साह की मौत सोमवार रात को हो गई। इनके तीनों बेटे संजय साह, रामचंद्र साह और चंद्रकिशोर साह दिल्ली में मजदूरी करते हैं। लॉकडाउन के कारण ये घर नहीं आ सके। गांव के लोगों ने निर्णय लिया कि भतीजे से मुखाग्नि दिलवाई जाए, लेकिन भतीजे ने इससे इन्कार कर दिया। इसके बाद लखन साह की पत्नी सुमित्रा देवी ने उन्हें मुखाग्नि दी।
लखन साह के बड़े बेटे संजय साह ने बताया कि पिता के निधन की सूचना मिलने के बाद उन्होंने दिल्ली में कई अधिकारियों के पास फरियाद की, लेकिन कहीं से भी अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। इस कारण वह घर नहीं पहुंच सके। इसके बाद उनकी मां को ही मुखाग्नि देनी पड़ी।