ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग, दो युवक को लगी गोली Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग, दो युवक को लगी गोली Bihar News: बिहार में बनेंगे 3.74 लाख नए राशन कार्ड, सरकार ने जारी किया आदेश; इस दिन से शुरू होगा अभियान Bihar News: बिहार में बनेंगे 3.74 लाख नए राशन कार्ड, सरकार ने जारी किया आदेश; इस दिन से शुरू होगा अभियान Bihar News: बिहार पुलिस की लापरवाही से युवक की हत्या का आरोप, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला Bihar News: बिहार में दो चचेरी बहनों की नहर में डूबने से मौत, नहाने के दौरान हुआ हादसा Bihar News: बिहार में दो चचेरी बहनों की नहर में डूबने से मौत, नहाने के दौरान हुआ हादसा Asia Cup 2025: एशिया कप 2025 का शेड्यूल जारी, इस दिन से शुरू होगा टूर्नामेंट; 8 टीमें होंगी शामिल Asia Cup 2025: एशिया कप 2025 का शेड्यूल जारी, इस दिन से शुरू होगा टूर्नामेंट; 8 टीमें होंगी शामिल एकावना गांव में गड्ढे ने फिर ली जान: युवक की मौत पर रामबाबू सिंह ने जताया शोक, प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग

लॉकडाउन में टूट रही परंपराएं : दिल्ली में फंसे रह गये तीन बेटे, पत्नी ने पति का किया अंतिम संस्कार

1st Bihar Published by: Updated Wed, 29 Apr 2020 02:13:24 PM IST

लॉकडाउन में टूट रही परंपराएं : दिल्ली में फंसे रह गये तीन बेटे, पत्नी ने पति का किया अंतिम संस्कार

- फ़ोटो

SUPAUL : लॉकडाउन में परंपराएं टूट रही हैं। लॉकडाउन के दौरान हमारे सामने ऐसी खबरें आ रही हैं जो दिलों को झकझोर कर रख देती  हैं। एक पिता के तीन बेटे लॉकडाउन में बाहर फंसे रह गये। बाद में उन बेटों की मां और उस व्यक्ति की पत्नी ने अपने पति का अंतिम संस्कार किया। ये वक्त का तकाजा कहे या फिर इंसान की मजबूरी समाज बदल रहा है। 


मामला सदर प्रखंड स्थित बरूआरी वार्ड नंबर छह का है। यहां 68 साल के लखन साह की मौत सोमवार रात को हो गई। इनके तीनों बेटे संजय साह, रामचंद्र साह और चंद्रकिशोर साह दिल्ली में मजदूरी करते हैं। लॉकडाउन के कारण ये घर नहीं आ सके। गांव के लोगों ने निर्णय लिया कि भतीजे से मुखाग्नि दिलवाई जाए, लेकिन भतीजे ने इससे इन्कार कर दिया। इसके बाद लखन साह की पत्नी सुमित्रा देवी ने उन्हें मुखाग्नि दी। 


लखन साह के बड़े बेटे संजय साह ने बताया कि पिता के निधन की सूचना मिलने के बाद उन्होंने दिल्ली में कई अधिकारियों के पास फरियाद की, लेकिन कहीं से भी अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। इस कारण वह घर नहीं पहुंच सके। इसके बाद उनकी मां को ही मुखाग्नि देनी पड़ी।