SUPAUL :लॉकडाउन में एंबुलेंस वालों की चांदी कट रही है। मरीजों की बेबसी का फायदा उठा कर वे मनमाना किराया वसूल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग भी एंबुलेंस ड्राइवरों की करतूत पर चुप्पी साधे हुआ है। गरीब मरीजों की फजीहत हो गयी है।
मामला त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के त्रिवेणीगंज बाज़ार से जुड़ा है। जहां मंगलवार को दिन के करीब 12 बजे एक निजी एम्बुलेंस से सड़क दुर्घटना में घायल 52 वर्षीय महिला को उनके परिजन सुपौल एक निजी अस्पताल इलाज के लिए ले गए। जिसके बाद पीड़ित महिला को शाम में वापस त्रिवेणीगंज बाज़ार स्थित उसके घर पर छोड़ा। इस दौरान सुपौल से त्रिवेणीगंज अप-डाउन कर एम्बुलेंस ने कुल 66 किलोमीटर की दूरी तय की इसके लिए निज़ी एम्बुलेन्स चालक पीड़ित परिजन से 28 सौ रुपये मांग करने लगे जबकि पीड़ित के परिजनों ने एम्बुलेंस चालक को किराया के रूप में 15 सौ रुपये दिए। इसके बाद विवाद खड़ा हो गया।लोगों की भीड़ जमा हो गयी और विवाद काफी देर तक चलता रहा।
बता दें कि जिस पीड़ित महिला को एम्बुलेंस द्वारा सुपौल ले जाया गया था वह महिला निःसहाय औऱ अविवाहित है। जिसकी उम्र करीब 52 वर्ष है। महिला त्रिवेणीगंज मेला ग्राउंड रोड में फुटफाथ पर मसाला बेचकर अपना गुज़र बसर करती थी। जिसे सोमवार को एक मोटर साइकिल सवार ने जबरदस्त ठोकर मार दिया था जिसके बाद घायलावस्था में स्थानीय पुलिस द्वारा त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से बेहतर ईलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया गया था।
महिला के पास को रुपयों का इंतजाम सोमवार को नहीं हो पाया जिसके बाद मंगलवार को पीड़ित महिला को ईलाज के लिए सुपौल लाया गया।लेकिन एम्बुलेन्स वालों ने भी लॉकडाउन का फायदा उठाया और पीड़ित महिला के परिजनों से किराए के नाम पर अवैध राशि की वसूली करने लगे।खैर बात जो भी हो लेकिन एक बात तो साफ दिखा कि त्रिवेणीगंज में लॉकडाउन के समय निजी एम्बुलेंस चालक औऱ मालिक किसी के मजबूरी का नाजायज फायदा उठा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि अधिकारियों की नज़र इस ओर कब जाती है और कब इसपर विराम लगता है।