लॉकडाउन में छूट को धार्मिक नजरिये से देखती है नीतीश सरकार, पुलिस को रमजान के महीने में सख्ती नहीं बरतने का दिया आदेश

लॉकडाउन में छूट को धार्मिक नजरिये से देखती है नीतीश सरकार, पुलिस को रमजान के महीने में सख्ती नहीं बरतने का दिया आदेश

SITAMARHI : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ देशवासियों के सामने यह अपील कर रहे हैं कि कोरोना महामारी को किसी भी जाति धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. महामारी को प्रधानमंत्री एक चश्मे से देखने की बात कह रहे हैं लेकिन नीतीश सरकार में इसके उलट लॉक डाउन में छूट के लिए धार्मिक नजरिए को मापदंड बनाया है. रमजान के पवित्र महीने में लोगों को विशेष छूट दी जाए इसके लिए सरकार की तरफ से आदेश दे दिया गया है.



ख़ास सुमदाय के लोगों को छूट
दरअसल सीतामढ़ी के एसपी का एक गोपनीय पत्र सामने आया है. जिसमें उन्होंने रमजान के महीने को देखते हुए अपने सभी थाना और ओपी के पुलिसकर्मियों को सख्ती नहीं बरतने का निर्देश दिया है. सीतामढ़ी एसपी ने आदेश दिया है कि रमजान के महीने में लोग खरीदारी करने घरों से बाहर निकलेंगे. लिहाजा किसी के साथ सख्ती न बरती जाये. खास तौर पर हिदायत दी गई है कि मुस्लिम समाज से आने वाले लोग खरीदारी के लिए जब घर से बाहर निकले तो उनके साथ पुलिसकर्मी अदब के साथ पेश आएं. सीतामढ़ी के एसपी ने यह भी कहा है कि बिना पूछताछ के किसी के साथ कोई कार्रवाई न की जाये. पुलिसकर्मियों को यह भी कहा गया है कि किसी के साथ अभद्रता ना करें.


लॉकडाउन में कई धर्मों का पर्व पड़ा
लॉक डाउन के बीच हिंदुओं का पूरा चैत नवरात्र निकल गया. रामनवमी जैसे त्यौहार पर मंदिर बंद रहे और ऐसा कोई भी आदेश सरकार की ओर से उस दौरान नहीं देखने को मिला. सिख धर्म के लोगों के लिए वैशाखी जैसा बड़ा त्यौहार भी इसी लॉक डाउन में निकला और साथ ही साथ ईसाई धर्म के लोगों का पर्व भी लेकिन रमजान को लेकर सरकार को ऐसा फरमान क्यों देना पड़ा है. यह चौंकाने वाला है.


सीतामढ़ी एसपी ने कहा -
सीतामढ़ी के एसपी ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने जिले की पुलिस के लिए यह आदेश जारी किया है. सीतामढ़ी एसपी ने कहा है कि उनका मकसद लॉकडाउन में माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखना है और इसी लिहाज से उन्होंने यह आदेश जारी किया है.